विद्युत निर्माता एनटीपीसी लिमिटेड और विद्युत उपकरण निर्माता कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के बीच समान भागीदारी वाला संयुक्त उपक्रम इस महीने के अंत तक पंजीकृत हो जाने के बाद अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाओं को हथियाने की होड़ में शामिल हो सकता है।
एनटीपीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इसकी काफी अधिक संभावना है कि संयुक्त उपक्रम अल्ट्रा मेगा विद्युत संयंत्रों के लिए बोली लगाएगा।’ उन्होंने कहा कि संयुक्त उपक्रम एनटीपीसी को स्वतंत्र रूप से संचालित करेगा और प्रवर्तक कंपनी के साथ मिलकर प्रतिस्पर्धा करेगा।
एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी. शंकरलिंगम ने कहा कि संयुक्त उपक्रम ने भारत में दो परियोजनाओं की पहचान पहले ही कर ली है। वैसे, उन्होंने इन परियोजनाओं या संभावित निवेश के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी। एनटीपीसी और भेल ने भारत और विदेश में विद्युत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए पिछले वर्ष सितंबर में एक संयुक्त उपक्रम स्थापित किया था।
दोनों कंपनियों के बीच तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बाद यह संयुक्त उपक्रम स्थापित किया गया। दोनों कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा के परिणामस्वरूप एनटीपीसी उपकरण आपूर्ति में विलंब के लिए भेल को जिम्मेदार ठहरा रही थी वहीं भेल भी समय पर ऑर्डर नहीं देने का आरोप एनटीपीसी के सिर पर मढ़ रही थी।
ऐसी खबरें भी मिली हैं कि एनटीपीसी विद्युत उपकरणों का निर्माण शुरू करेगी। एनटीपीसी के एक और अधिकारी ने बताया, ‘यह अधिक उपयुक्त होगा यदि दोनों कंपनियां साथ मिलकर काम करें और एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठाएं।’
शंकरलिंगम ने कहा कि संयुक्त उपक्रम के पंजीकृत हो जाने के बाद कंपनी एक तकनीकी भागीदार तलाशने पर विचार करेगी। यह तकनीकी भागीदार घरेलू कंपनी या वैश्विक दोनों हो सकता है। इस बीच एनटीपीसी नाईजीरिया में 700 मेगावाट की क्षमता का विद्युत संयंत्र लगाने के लिए संभाव्यता अध्ययन कर रही है।
कंपनी ने तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के बदले हाइड्रोकार्बन से संपन्न इस अफ्रीकी देश में विद्युत संयंत्र लगाने का वादा किया है। एनटीपीसी को भारत में अपने विद्युत संयंत्रों के लिए गैस की जरूरत है। शंकरलिंगम ने कहा, ‘हम नई सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं और इस पर निर्णायक फैसला लिए जाने में 6 महीने का वक्त और लग सकता है।’
एनटीपीसी के परिचालन निदेशक चंदन रॉय ने कहा कि कंपनी इसी तरह के गठजोड़ के लिए पश्चिम एशिया और अफ्रीका के अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रही है।