देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक ने छह में से दो आईटी पार्क विकसित करने की अपनी योजना छोड़ दी है। ये दोनों पार्क गुड़गांव और नोएडा में विकसित होने थे।
कंपनी के मुताबिक, मांग में हुई गिरावट के चलते दोनों पार्कों की विकास योजना छोड़नी पड़ रही है। इस तरह, 2.14 करोड़ वर्गफीट में आईटी पार्क विकसित करने का प्रस्ताव 38 फीसदी यानी 83 लाख वर्गफीट घट गया है।
यूनिटेक लिमिटेड को उम्मीद रही है कि ये आईटी पार्क अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट मार्केट (एआईएम) में सूचीबद्ध उसकी सहयोगी कंपनी यूनिटेक कॉरपोरेट पार्क (यूसीपी) का राजस्व स्रोत होंगे। कंपनी ने इन छह आईटी पार्कों में बड़ी हिस्सेदारी लेने के लिए 31.7 करोड़ पाउंड का निवेश किया है।
नोएडा और गुड़गांव में प्रस्तावित इन पार्कों के लिए किसी अच्छे ग्राहक से लीजिंग प्रस्ताव न मिलने से इन्हें छोड़ना पड़ रहा है। यही नहीं, बाकी बचे आईटी पार्कों का काम पूरा होने में भी देरी हुई है। पहले नोएडा में दो और गुड़गांव-कोलकाता में एक-एक पार्क विकसित करने की योजना थी।
यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा के मुताबिक, कुल 1.32 करोड़ वर्गफीट की इन योजनाओं में से अब तक महज 30 फीसदी यानी 40 लाख वर्गफीट का ही लीजिंग प्रस्ताव आ पाया है। इस वजह से कंपनी की पूर्वनिर्धारित योजना देर से चल रही है।
निर्माण की संशोधित योजना के मुताबिक, 2009-10 में यूनिटेक अब महज 31 लाख वर्गफीट में निर्माण परियोजनाएं पूरी कर पाएगी। पहले, 50 लाख वर्गफीट में निर्माण कार्य करने की योजना थी।
चंद्रा ने बताया कि प्रस्तावित योजना मंदी से पहले की थी और मंदी को देखते हुए अपनी गति धीमी करनी पड़ी। चंद्रा ने कहा, ‘आईटी पार्क परियोजनाओं में कइयों ने कमी की है। 2008 की शुरुआत में जिन आईटी परियोजनाओं की योजना तैयार की गई थी, उनमें से 70 फीसदी का काम मंदी के चलते टाल दिया गया है।”
चंद्रा ने हालांकि छोड़े जाने वाले इन दोनों आईटी परियोजनाओं के भविष्य के बारे में कुछ भी नहीं बताया।
