भूषण पावर ऐंड स्टील (बीपीएसएल) मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कंपनी के प्रवर्तक भूषण सिंघल को नोटिस भेजा है। सिंघल ने कंपनी को आवंटित ऋण पर अपनी निजी गारंटी दी थी और अब एसबीआई उसी का हवाला देते हुए रकम के भुगतान के लिए कह रहा है। कंपनी बैंकों के एक समूह को 48,000 करोड़ रुपये भुगतान करने में असफल रही है।
भूषण स्टील की कर्ज समाधान योजना मोटे तौर पर तैयार है और इसके लिए सबसे बड़े बोलीदाता के रूप में जेएसडब्ल्यू के नाम की घोषणा हो चुकी है। कंपनी ने भूषण स्टील के लिए 19,700 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। यह मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और अगले दो हफ्तों में इस पर फैसला आ सकता है। एसबीआई ने सिंघल को भेजे नोटिस में कहा है कि 2017 से 12,285.19 करोड़ रुपये कर्ज का भुगतान नहीं हुआ है। देश के सबसे बड़े कर्जदाता ने कहा कि चूंकि, इस कर्ज की गारंटी के साथ कोई परिसंपत्ति गिरवी नहीं रखी गई थी, इसलिए सिंघल को 31 अगस्त तक बकाया 12,275 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। बैंक के नई दिल्ली के स्थित स्टे्रस्ड ऐसेट्स मैनेजमेंट ब्रांच द्वारा भेजे नोटिस में कहा गया कि भूषण स्टील 26 जुलाई 2017 को दिवालिया प्रक्रिया में शामिल की गई थी।
कुछ दिनों पहले ही वित्त मंत्रालय ने बैंकों को सभी दिवालिया मामलों में कर्ज पर निजी गारंटी देने वाले लोगों को नोटिस जारी करने के लिए कहा था। सिंघल को एसबीआई से मिले नोटिस को मंत्रालय के इसी निर्देश से जोड़ कर देखा जा रहा है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 22 जुलाई को वित्त मंत्रालय को उस याचिका का जवाब देने के लिए कहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ऋणों पर निजी गारंटी होने के बाद भी बैंक चूककर्ताओं के खिलाफ कदम नहीं उठा रहे हैं। न्यायालय के निर्देश के बाद मंत्रालय ने 26 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को पत्र लिखा था। इस पत्र में मंत्रालय ने कहा था कि दिवालिया एवं ऋण शोधन अक्षमता (निगमित कर्जदारों को आवंटित कर्ज पर निजी गारंटी देने से संबंधित)दिशानिर्देश, 2019 के तहत बैंकों को निजी गारंटी देने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट के समक्ष दिवालिया आवेदन दाखिल करने का अधिकार है। पत्र में कहा गया,’बैंक उन मामलों की निगरानी के लिए एक ढांचा तैयार करने पर विचार कर सकते हैं, जिनमें कंपनियों को आवंटित कर्ज पर निजी गारंटी देने वाले लोगों के खिलाफ एनसीएलटी में व्यक्गित दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत पड़ सकती है। बैंक ऐसे मामलों में आगे किसी तरह का कदम उठाने के लिए निजी गारंटी देने वालों से जुड़ी सूचनाएं एकत्र करने के लिए आईटी ढांचा भी तैयार कर सकते हैं।’
रिलायंस कम्युनिकेशंस के मामले में एसबीआई ने 12 जून को अनिल अंबानी को भी नोटिस भेजा था। अंबानी ने आरकॉम को एसबीआई से मिले ऋण पर अपनी निजी गारंटी दी थी। आरकॉम को पिछले वर्ष कर्ज समाधान के लिए एनसीएलटी भेजा गया था। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंबानी के खिलाफ एसबीआई के कदम पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद बैंक ने शीर्ष न्यायालय में अपील की है। इस मामले पर इसी सप्ताह सुनवाई होगी।