भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के मसौदे में सरकार द्वारा 5 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश का उल्लेख हो सकता है और निर्गम के आकार का जिक्र शायद नहीं हो क्योंकि संभावित निवेशकों के साथ मूल्यांकन पर अभी पर्याप्त चर्चा नहीं की गई है। एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर एलआईसी नए शेयर जारी करती और नई पूंजी जुटाती तो उसे निर्गम के आकार का उल्लेख करना होता। लेकिन यह ऑफर फॉर सेल होगा, जिसमें सरकार बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है।’
उक्त अधिकारी ने कहा कि बीमा कंपनी का मूल्यांकन बाजार की मांग और स्थिति पर निर्भर करता है। सरकार ने अभी निवेशकों के साथ परामर्श नहीं किया है, इसलिए कोई मूल्यांकन तय करना संभव नहीं है। एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य भी 5 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है और सरकार जो मूल्यांकन चाह रही है उसे रोडशो के बाद तय किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘शेयर का मूल्य अभी पता नहीं है और इसे निवेशकों के साथ चर्चा के बाद ही तय किया जाएगा। डीआरएचपी में केवल यह कहा जाएगा कि सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।’ 31 दिसंबर, 2021 को एलआईसी के शेयरधारिता प्रारूप के हिसाब से 5 फीसदी हिस्सेदारी करीब 31.6 करोड़ शेयर के बराबर होगी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आईपीओ के पूर्व-नियोजन के जरिये शेयर मूल्य की तलाश नहीं की गई है, ऐसे में फिलहाल बीमा कंपनी का मूल्यांकन तय करना कठिन होगा। अधिकारी ने बताया कि एलआईसी के निदेशक मंडल ने आज आईपीओ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और इसका डीआरएचपी रविवार को जमा कराया जाएगा। अब इस प्रस्ताव को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा। बीमा नियामक से मंजूरी के बाद मसौदे की दोबारा जांच होगी और उसे सेबी के पास उसे जमा कराया जाएगा। अगर रविवार को बीमा नियामक से मंजूरी मिलती है तो डीआरएचपी उसी दिन या सोमवार को जमा कराया जा सकता है।
सरकार को उम्मीद है कि डीआरएचपी जमा कराने के बाद बाजार नियामक सेबी से इसे आसानी से मंजूरी मिल जाएगी क्योंकि इसे लेकर सेबी के साथ पहले से ही विचार-विमर्श चल रहा है। उम्मीद की जा रही है निवेशकों के बीच एलआईसी के आईपीओ की जबरदस्त मांग होगी। बीमा कंपनी के मूल्यांकन, मूल्य दायरे आदि का विवरण निर्गम दस्तावेज में जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार पॉलिसीधारकों के लिए 10 फीसदी निर्गम को आरक्षित रखेगी और उन्हें कम कीमत में भी शेयर दिए जा सकते हैं।