भुगतान सेवा प्रदाता कंपनी भारतपे में अंदरूनी खींचतान में नया मोड़ आ गया है। समाचार माध्यमों में आ रही खबरों के अनुसार कंपनी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने निदेशक मंडल को बताया है कि वह मुख्य कार्याधिकारी अधिकारी (सीईओ) सुहेल समीर को निदेशक मंडल में बतौर सदस्य शामिल करने संबंधी अपना प्रस्ताव वापस ले रहे हैं।
पिछले महीने ग्रोवर कंपनी में बिगड़ती कार्यशैली पर चिंताएं मुखर होने के बाद मार्च तक स्वैच्छिक अवकाश पर चले गए थे। ऐसी चर्चा भी थी कि निवेशकों और बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ उनके संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। एक साक्षात्कार में ग्रोवर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। मगर उन्होंने कहा कि कि अगर निवेशक उनकी 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 4,000 करोड़ रुपये में खरीद लेंगे तो वह भारतपे से बाहर निकल जाएंगे।
एक वेंचर कैपिटल निवेशक ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘भारतपे ने आखिरी बार 2.8 अरब डॉलर रकम जुटाई थी मगर पिछले एक महीने से ग्रोवर के रुख को देखते हुए लग रहा है कि इनमें से काफी रकम का नुकसान हुआ होगा। ग्रोवर को यह समझना चाहिए कि सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने से वह कंपनी के मूल्यांकन को गर्त में पहुंचाएंगे।’
आंकड़ों पर नजर रखने वाली कंपनी ट्रैक्सन के अनुसार अगस्त 2021 में कंपनी द्वारा निवेशकों से जुटाई गई रकम के अनुसार ग्रोवर की 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 1,915 करोड़ रुपये था। उस समय रकम जुटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी का मूल्यांकन 20,083 करोड़ रुपये आंका गया था। ग्रोवर ने यह भी आरोप लगाया कि वह समीर की वजह से पिछले महीने अनुपस्थिति अवकाश पर गए थे। ग्रोवर ने कहा, ‘रकम जुटाने के दौरान समीर ने 11 करोड़ रुपये मूल्य के एम्प्लायी स्टॉक ऑप्शन प्लान्स (ईसॉप्स) बेचे थे। समीर इसलिए ऐसा कर पाए क्योंकि मैंने कंपनी के लिए खूब मेहनत की है। मैंने उन्हें कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता दी थी मगर जब मुझे उनकी जरूरत थी तो उन्होंने निवेशकों का पक्ष ले लिया। ऐसा कर उन्होंने मेरा विश्वास खो दिया है। निवेशकों के हाथों की कठपुतली को निदेशक मंडल में सदस्य के रूप में रहने का अधिकार नहीं है।’
समीर अगस्त 2020 में भारतपे में शामिल हुए थे। इससे पहले उन्होंने चार वर्षों तक आरपी-संजीव गोयनका समूह के साथ काम किया था। समीर भारपे में समूह अध्यक्ष भी हैं। इस पूरे मामले पर समीर ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बिजनेस स्टैंडर्ड ने उनकी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इस पूरे मामले पर आज शाम भारतपे की तरफ से आए बयान में कहा गया, ‘भारतपे के निदेशक मंडल या किसी सदस्य की निष्ठा पर सवाल उठाए जाने से कंपनी आहत महसूस कर रही है। बार-बार भ्रामक तथ्यों और आधारहीन आरोपों को आधार बनाकर ऐसी बातें की जा रही हैं। निदेशक मंडल ने कंपनी के हित में पूरी निष्ठा के साथ सभी निर्णय लिए हैं।’