सत्यम की बिक्री कथा में शुक्रवार को आई गेट का अध्याय और जुड़ गया।
सूचना प्रौद्योगिकी आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता इस कंपनी ने सत्यम को खरीदने में शुरुआत में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन बाद में इसकी दिलचस्पी कुछ कम हो गई थी।
लेकिन, आखिरकार इस कंपनी ने सत्यम को खरीदने के लिए अभिरुचि पत्र दायर कर ही दिया।
सत्यम की बिक्री की प्रक्रिया को मिले रिस्पॉन्स पर कंपनी के बोर्ड ने कहा, ‘हमें कई देसी और विदेशी कंपनियों से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। प्राइवेट इक्विटी फंड कंपनियों ने भी सत्यम में दिलचस्पी दिखाई है।’ हालांकि, बोर्ड ने किसी कंपनी का नाम उजागर नहीं किया।
इससे पहले गुरुवार को लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), स्पाइस समूह और टेक महिन्द्रा जैसी कंपनियों ने ऐलान किया था कि वे सत्यम के लिए बोली लगाएंगी।
इस तरह की चर्चा का बाजार गर्म है कि आईबीएम, ह्यूलेट पैकर्ड(एचपी) और कंप्यूटर साइंसेज कॉर्पोरेशन (सीएससी) जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियां भी इस होड़ में शामिल हैं।
हालांकि, इन कंपनियों ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि शुक्रवार को कंपनी का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में 3.6 फीसदी गिरकर 45.50 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। सत्यम के बोर्ड ने एक और बड़ा फैसला किया है।
सत्यम की बिक्री की पूरी प्रक्रि या की निगरानी के लिए कंपनी के बोर्ड ने देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस. पी. भरूचा से गुजारिश करने का फैसला किया। न्यायमूर्ति भरूचा ने भी बोर्ड का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।
सत्यम को खरीदने की इच्छुक कंपनियों को 20 मार्च तक 1,500 करोड़ रुपये की हैसियत के प्रमाण के साथ विस्तृत अभिरुचि पत्र पेश करना होगा। इसके बाद ही उस कंपनी को बोली की प्रक्रिया के अगले दौर में हिस्सा लेने के लिए बोर्ड की हरी झंडी मिलेगी।
आई गेट के सीईओ फणीश मूर्ति ने इस मामले पर कहा, हम सत्यम से जुडे पहलुओं का आकलन कर रहे हैं।मूर्ति जल्द ही बोली प्रक्रिया के लिए भारत आएंगे।
इससे पहले फरवरी में मूर्ति ने कहा था कि उनकी कंपनी सत्यम के लिए बोली नहीं लगाएगी। आई गेट का राजस्व लगभग 1,,115 करोड़ रुपये है और कंपनी के पास लगभग 335 करोड़ रुपये की नकदी है।