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आरआईएल: कोविड से नई चुनौती

Last Updated- December 12, 2022 | 5:16 AM IST

देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने ओ2सी कारोबार के लिए सऊदी अरामको के साथ अपने बहुप्रतीक्षित सौदे को अंतिम रूप देने का अब भी इंतजार कर रही है। वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के दौरान कंपनी के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों कारोबार में सुधार दिखा है। हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर और पिछले साल के कमजोर वार्षिक प्रदर्शन के मद्देनजर इन श्रेणियों में वृद्धि अभी भी अस्थायी दिख रही है।
आरआईएल का तेल एवं गैस उत्पादन कारोबार काफी हद तक उसके अनुषंगी क्षेत्रों से उत्पादन पर टिका है जो 1990 के दशक में इस क्षेत्र में उसके धमाकेदार प्रवेश के मुकाबले कमतर है। कंपनी तीन नए दौर की बोली के तहत अपनी नई खोजों से गैस की बिक्री कर रही है जिसमें केजी डी6 गैस के लिए दो दौर की बोली भी शामिल है। इसने 19 सफल बोलीदाताओं के साथ गैस की बिक्री एवं खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
आरआईएल अपने गैस की बिक्री के लिए तीसरे दौर की बोली मई 2021 के आरंभ में आयोजित करेगी। कंपनी ने विश्लेषकों को दी एक प्रस्तुति में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही तक उत्पादन शुरू करने के लिए एमजे क्षेत्र का विकास सही राह पर अग्रसर है। मार्च 2021 में समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान औसत उत्पादन केजी-डी6 से 7.06 एमएमएससीएमडी था जबकि कोल बेड मीथेन का उत्पादन 0.85 एमएमएससीएमडी था। जनवरी से मार्च 2021 के दौरान जीसीवी आधार पर केजी-डी6 के लिए मूल्य प्राप्ति 3.99 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी जो पिछली तिमाही की 3.50 डॉलर के मुकाबले अधिक रही। जनवरी से मार्च 2020 के दौरान कीमत 3.23 डॉलर थी। कोल बेड मीथेन के लिए मूल्य प्राप्ति 5.2 डॉलर रही जो वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही की 4.24 डॉलर के मुकाबले अधिक है। लेकिन यह एक साल पहले की समान तिमाही की 6.92 डॉलर के मुकाबले कम है।
आने वाली तिमाही के लिए अपना अनुमान जाहिर करते हुए कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में गैस मूल्य प्राप्ति अधिक रहेगी। केजी-डी6 में उत्पादन दिसंबर 2020 में आर-क्लस्टर का उत्पादन शुरू होने के साथ योजना से आगे था। अप्रैल 2021 के मध्य में उत्पादन 12.8 एमएमएससीएमडी के चरम पर पहुंच गया था जबकि अनुषंगी क्लस्टर क्षेत्रों से उत्पादन अप्रैल 2021 में शुरू हुआ जो योजना से दो महीने पहले है। इन दोनों क्षेत्रों से एकीकृत उत्पादन 18 एमएमएससीएमडी होने का अनुमान है जो देश के मौजूदा गैस उत्पादन का करीब 20 फीसदी होगा।
मार्च 2021 में समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के राजस्व में तिमाही दर तिमाही 20.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसे मुख्य तौर पर ओ2सी (ऑयल टु केमिकल) श्रेणी से बल मिला। फीडस्टॉक और उत्पाद की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि से इसे रफ्तार मिली। तिमाही दर तिमाही बेहतर एबिटा को ओ2सी और खुदरा में 17 फीसदी की वृद्धि से भी सहारा मिला लेकिन अन्य आय में कमी के कारण उसका अधिक फायदा नहीं दिखा।

First Published - May 2, 2021 | 11:17 PM IST

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