अपील पंचाट ने रोका एनसीएलटी आदेश

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:27 AM IST

दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के ऋणदाताओं, पीरामल समूह और कंपनी के प्रशासक को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) के आदेश से बड़ी राहत मिली है। अपील पंचाट ने राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) के मुंबई पीठ के उस आदेश पर आज रोक लगा दी, जिसमें डीएचएफएल के प्रशासक को कंपनी के पूर्व प्रवर्तक कपिल वधावन का समाधान प्रस्ताव ऋणदाताओं की समिति के सामने रखने का निर्देश दिया गया था। अपील पंचाट ने इस निर्णय पर रोक लगाते हुए प्रतिवादियों से दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई अब 25 जून को होगी।
मगर अपील पंचाट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में समाधान योजना को मंजूरी के लिए लंबित याचिका पर एनसीएलटी अपना फैसला सुना सकता है। उस याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और एनसीएलटी ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पीरामल समूह की समाधान योजना को ऋणदाताओं की समिति, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिस्पद्र्घा आयोग (सीसीआई) से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
अपील पंचाट ने आदेश में कहा कि याचियों ने कई कानूनी पेच उठाए हैं। इस मामले में समाधान योजना को मंजूरी मिल चुकी है और न्यायाधिकरण के समक्ष मंजूरी के लिए भेजी गई है। अगर इसी तरह फैसले पलटे गए तो सिलसिला कभी खत्म ही नहीं होगा। इसमें कोई विवाद नहीं है कि योजना मंजूर हो गई है और उस पर फैसले के बजाय इस तरह का आदेश दिया गया है। ऋणदाताओं का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकीलों ने तर्क दिया कि एनसीएलटी का मौजूदा आदेश नजीर बनता है तो आईबीसी का ताना-बाना बिगड़ सकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील श्याम दीवान यूनियन बैंक और ऋणदाताओं की समिति की ओर से पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा आदेश अपने आप में अनूठा है, जिसमें आईबीसी की धारा 29ए के तहत अयोग्य करार दिया गया मूल प्रवर्तक समाधान प्रस्ताव भेजकर फिर कंपनी में घुसने की कोशिश कर रहा है। यह आईबीसी की धारा 12ए के प्रावधान के अनुरूप भी नहीं है।
उन्होंने तर्क दिया कि न्यायाधिकरण इस बात से वाकिफ था कि निपटान प्रस्ताव समाधान योजना की किसी भी श्रेणी में नहीं आता है और न ही आईबीसी की धारा 12ए के तहत ऐसी कोई व्यवस्था है। इसके बावजूद इस तरह का आदेश पारित किया गया। डीएचएफएल के ऋणदाता और आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ सोमवार को अपील पंचाट गए थे। उनका कहना था कि कानून के तहत एनसीएलटी ऋणदाताओं की समिति को किसी योजना पर विचार करने का निर्देश नहीं दे सकता है।

First Published : May 25, 2021 | 11:16 PM IST