विलय व अधिग्रहण की लागत बढ़ेगी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:47 AM IST

बजट में की गई घोषणा के बाद विलय व अधिग्रहण के सौदे महंगे हो जाएंगे क्योंकि सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि गुडविल (मौजूदा गुडविल समेत) टैक्स डेप्रिसिएशन का पात्र नहीं होगा।
गुडविल पर संशोधन हालांकि पिछली तारीख से होगा, ऐसे में पिछले किसी गुडविल पर डेप्रिसिएशन (विगत में आंशिक तौर पर जिसका दावा किया गया हो) आने वाले समय में उपलब्ध नहीं होगा। इसलिए जहां संशोधन आने वाले समय के लिए है, वहीं यह 31 मार्च, 2021 से पहले सृजित गुडविल पर विपरीत असर डालेगा। यह कहना है कर विशेषज्ञों का। यह संशोधन 1 अप्रैल, 1998 से लागू होगा और आंतरिक कॉरपोरेट पुनर्गठन को भी प्रभावित करेगा, जहां गुडविल का दावा किया गया था। एक अग्रणी कर विशेषज्ञ ने कहा, इससे कानूनी विवाद और बढ़ सकता है।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी से दिसंबर 2018 में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने हॉर्लिक्स का अधिग्रहण किया है और विगत में हुए इस तरह के कई विलय-अधिग्रहण सौदे में डेप्रिसिएशन के तौर पर गुडविल का दावा किया गया था और कर विशेषज्ञों का कहना है कि इस संशोधन से इन पर असर पड़ेगा क्योंकि पिछले वर्षों में किए गए गुडविल के दावे अभी तक लंबित हैं।
ब्रुकफील्ड रीट आईपीओ को 11 फीसदी आवेदन
ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट (रीट) के आईपीओ को पहले दिन बुधवार को 11 फीसदी आवेदन मिले। एक दिन पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों को 275 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 1,710 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किए। ब्रुकफील्ड रीट आईपीओ से 3,800 करोड़ रुपये के नए फंड जुटाए जा रहे हैं और इसमें कोई द्वितीयक बिक्री नहीं है। यह आईपीओ शुक्रवार को बंद होगा। देसी बाजार में 2019 में एम्बेसी रीट और साल 2020 में माइंडस्पेस रीट के बाद यह तीसरा रीट आईपीओ है। बीएस

First Published : February 3, 2021 | 11:36 PM IST