मैकलॉयड मामला एनसीएलएटी में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:45 AM IST

देश की सबसे बड़ी चाय उत्पादक कंपनी मैकलॉयड रसेल इंडिया के प्रवर्तक आदित्य खेतान ने नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के उस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की है, जिसमें कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने को कहा गया था। 6 अगस्त को एनसीएलटी के नई दिल्ली पीठ ने टेक्नो इलेक्ट्रिक ऐंड इंजीनियरिंग कंपनी का आवेदन स्वीकार कर मैकलॉयड रसेल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान शुरू करने का आदेश जारी किया था जब कंपनी ने 14 फीसदी ब्याज पर लिए गए 100 करोड़ रुपये के कर्ज भुगतान में चूक की थी।
खेतान ने एनसीएलएटी में मैकलॉयड रसेल के निलंबित निदेशक मंडल का सदस्य होने के नाते अपील की है। इस अपील पर 25 अगस्त को सुनवाई होगी।

खेतान ने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। टेक्नो इलेक्ट्रिक के अपील उदित गुप्ता ने कहा, मैकलॉयड रसेल के निलंबित बोर्ड के सदस्य होने के नाते आदित्य खेतान ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपील की है। एनसीएलटी ने कॉरपोरेट दिवालिया समाधान के लिए हमारी याचिका स्वीकार की थी।
गुप्ता ने कहा, तथ्यों और अपील के आधार पर गौर करने के बाद मेरा मानना है कि यह अपील कानूनी रूप से टिकने योग्य नहीं है। एनसीएलटी में मैकलॉयड ने तक दिया था कि वित्त वर्ष 2018-19 की टेक्नो की बैलेंस शीट से पता चलता है कि 100 करोड़ रुपये का कर्ज था, लेकिन उसके बाद से यह नजर नहीं आया, जिसका मतलब यह है कि 100 करोड़ रुपये लौटा दिए गए या फिर कर्ज किसी और को दिया गया। 

टेक्नो ने दिवालिया संहिता की धारा 7 के तहत आवेदन किया है। इसमें कहा गया है कि वित्त्तीय लेनदार कॉरपोरेट ऋणी के खिलाफ दिवालिया समाधान के लिए आवेदन तब कर सकते हैं जब कर्ज भुगतान में चूक हुई हो। एनसीएलटी के आदेश में कहा गया है कि दिवालिया संहिता की धारा 7 के तहत आवेदन तब स्वीकार्य है जब साबित हो जाए कि कर्ज बकाया है और डिफॉल्ट हुआ है।
एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा है कि वह इससे संतुष्ट है कि मौजूदा आवेदन पूर्ण है और आवेदक टेक्नो बकाया कर्ज का दावा करने की पात्र है और वित्त्तीय कर्ज के भुगतान में चूक हुई है। इसमें कहा गया है कि चूक वाली रकम 100 लाख रुपये से ज्यादा है, जो इस संहिता के तहत न्यूनतम सीमा के दायरे में है।

टेक्नो के लिए आवेदन करने की वजह मैकलॉयड के साथ हुआ कर्ज के लिए करार है, जो साल 2018 मेंं हुआ था। मैकलॉयड को 100 करोड़ रुपये अंतर कंपनी जमा के तौर पर दिए गए थे, लेकिन इसके साथ शर्त थी कि इसका इस्तेमाल चारों टी गार्डन का कर्ज चुकाने और यह सुनिश्चित करने में होना था कि एस्टेट पर हर तरह की जमानत बैंकों व वित्त्तीय संस्थानों ने हटा ली। मैकलॉयड ने भी एख संपत्ति मॉर्गेज की थी।
हालांकि एस्टेट से संबंधित टाइटल डीड टेक्नो को नहीं दिए गए और कर्ज की रकम 31 मार्च 2019 की तय समसयीमा पर नहींं चुकाई गई। एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक, कंचन दत्त्ता को अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया, जिसने कंपनी के परिचालन व प्रबंधन पर नियंत्रण कर लिया। आईबीसी की समयसीमा के मुताबिक, लेनदारों की समिति 30 दिन के अंदर बनानी होती है। मैकलॉयड का कर्ज वित्त वर्ष 21 में 1,835.40 करोड़ रुपये था। 

First Published : August 21, 2021 | 12:56 AM IST