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Mastercard ने पुणे में नया टेक हब खोला

इस हब में 6,000 से अधिक तकनीशियन, इंजीनियर और विशेषज्ञ काम करेंगे, जो सॉफ्टवेयर विकास, वित्त, डेटा आर्किटेक्चर और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में काम करेंगे।

Last Updated- October 15, 2024 | 10:19 PM IST
Mastercard

मास्टरकार्ड ने आज पुणे के यरवदा स्थित ब्लूग्रास बिजनेस पार्क में अपने नए अत्याधुनिक टेक हब का उद्घाटन किया। यह हब मास्टरकार्ड की भारत में विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर तकनीकी प्रगति में भी अहम भूमिका निभाएगा। करीब आधा लाख वर्ग मीटर में फैला यह परिसर मास्टरकार्ड के टेक हब नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें अरलिंगटन, डबलिन, न्यूयॉर्क, सेंट लुइस, सिडनी और वैंकूवर जैसे शहर भी शामिल हैं।

मास्टरकार्ड के अध्यक्ष और मुख्य तकनीकी अधिकारी एड मैकलॉघलिन ने कहा, “पुणे में हमारा नया टेक हब मास्टरकार्ड की वैश्विक तकनीकी योजना का अहम हिस्सा होगा। यह हब दुनिया को बदलने वाली तकनीकों को बनाने के लिए अन्य वैश्विक हब्स के साथ मिलकर काम करेगा।”

पुणे के इस हब में 6,000 से अधिक तकनीशियन, इंजीनियर और विशेषज्ञ कार्य करेंगे, जो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, फाइनेंस, डेटा आर्किटेक्चर और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत होंगे। यह मास्टरकार्ड का किसी एक शहर में सबसे बड़ा वर्कफोर्स होगा, जो इसकी भारत में बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है। मास्टरकार्ड के अन्य ऑफिस गुरुग्राम, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और वडोदरा में भी स्थित हैं।

2014 में मास्टरकार्ड ने पुणे में अपना पहला टेक हब शुरू किया था, जो अब कंपनी के वैश्विक भुगतान सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी की पहचान जैसे कामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नए हब के जरिए कंपनी भारत के घरेलू बाजार के लिए तकनीकी समाधान तैयार करने पर ध्यान देगी। इसके प्रमुख प्रोजेक्ट्स में ‘कम्युनिटी पास’ और ‘पेमेंट पासकी’ सर्विस का पायलट लॉन्च शामिल है, जो बायोमेट्रिक्स और टोकनाइजेशन के जरिए सुरक्षित ऑनलाइन चेकआउट की सुविधा देगा।
मास्टरकार्ड के दक्षिण एशिया के डिवीजन प्रेसिडेंट गौतम अग्रवाल ने कहा, “भारत मास्टरकार्ड के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। हमारा नया टेक हब इस बाजार में मास्टरकार्ड के विकास की दिशा में एक अहम कदम है।”

इस टेक हब में मास्टरकार्ड के कर्मचारी दुनिया की कठिन तकनीकी समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे, ताकि दुनिया भर में सुरक्षित और आसान भुगतान प्रणाली बनाई जा सके।

First Published - October 15, 2024 | 10:19 PM IST

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