महिंद्रा समूह की रियल एस्टेट कंपनी महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स ने अपनी वृद्धि को रफ्तार देने के लिए आक्रामक योजनाएं तैयार की है। कंपनी ने गोदरेज प्रॉपर्टीज और प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स जैसी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले खुद को पिछड़ते देखते हुए यह पहल की है। गोदरेज प्रॉपर्टीज और प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स ने पिछले दशक के दौरान काफी आक्रामक विस्तार किया है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि कंपनी नई परियोजनाओं को विकसित करने के लिए भूखंडों की खरीद पर हर साल 500 करोड़ निवेश का निवेश करना चाहती है।
विश्लेषकों ने उम्मीद जताई है कि उसके बिक्री बुकिंग मूल्य में वित्त वर्ष 2021 से 2025 के बीच 39 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़ोतरी होगी। तीसरी लहर के बावजूद कंपनी अपने सभी मौजूदा बाजारों- चेन्नई, बेंगलूरु, पुणे, मुंबई और दिल्ली एनसीआर में नई रिहायशी परियोजनाओं को लॉन्च करने की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल में महीनों में कंपनी ने तीन भूमि सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं और इनमें से सभी को अगली चार तिमाहियों के दौरान बाजार में उतारे जाने की उम्मीद है। सुब्रमण्यन ने कहा कि कंपनी चार कारणों से आक्रामक रुख अपना रही है। इनमें अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ ब्रांडेड कंपनियों की ओर ग्राहकों का रुझान, दमदार प्रशासन वाली कंपनियों की पूंजी बाजार में आसान पहुंच, भूमि स्वामियों द्वारा औपचारिक क्षेत्र के डेवलपरों के साथ करार को तरजीह देना और वृद्धि संभावनाओं वाली कंपनियों की ओर प्रतिभाओं का पलायन शामिल हैं।
सुब्रमण्यन ने कहा, ‘हमने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 तक हमारे रिहायशी कारोबार में बिक्री बढ़कर 2,500 करोड़ रुपये हो जाएगी।’ हालांकि सुब्रमण्यन एक साल पहले कंपनी के एमडी एवं सीईओ बन गए थे लेकिन कंपनी ने हाल में राजाराम पई को मुख्य कारोबार अधिकारी नियुक्त किया है। सुब्रमण्यन के अनुसार, कंपनी जिन श्रेणियों में परिचालन करती है उनमें भूमि एवं मंजूरियों की कुल बिक्री मूल्य में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी होती है। इसलिए कंपनी ने भूमि में हर साल करीब 500 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। कंपनी ने भूमि अधिग्रहण के लिए रकम की व्यवस्था अपने आंतरिक संसाधनों और मामूली ऋण के जरिये करने की योजना बनाई है।