सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की मंजूरी के लिए आज भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास मसौदा (डीआरएचपी) जमा करा दिया। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी का आईपीओ मार्च में बाजार में आ सकता है। निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्वीट कर कहा, ‘एलआईसी के आईपीओ का डीआरएचपी आज सेबी के पास जमा करा दिया गया है।’ इससे पहले बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण से एलआईसी के आईपीओ प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी, जिसके बाद बीमा कंपनी के निदेशक मंडल ने भी कंपनी को आईपीओ लाने की मंजूरी दे दी थी।
सेबी के पास जमा कराए गए आईपीओ मसौदे के अनुसार सरकार निर्गम के जरिये एलआईसी के 31 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयर बेचेगी। सरकार का लक्ष्य मार्च तक एलआईसी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्घ कराना है। एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य भी 5.4 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है और सरकार जो मूल्यांकन चाह रही है उसे रोडशो के बाद तय किया जाएगा।
सरकार को उम्मीद है कि डीआरएचपी जमा कराने के बाद बाजार नियामक सेबी से इसे आसानी से मंजूरी मिल जाएगी क्योंकि इसके बारे में सेबी के साथ पहले से ही विचार-विमर्श चल रहा है। उम्मीद की जा रही है निवेशकों के बीच एलआईसी के आईपीओ की जबरदस्त मांग होगी। बीमा कंपनी के मूल्यांकन, मूल्य दायरे आदि का विवरण निर्गम दस्तावेज में जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार पॉलिसीधारकों के लिए 10 फीसदी निर्गम आरक्षित रखेगी और उन्हें कम कीमत में भी शेयर दिए जा सकते हैं। एंकर निवेशकों के लिए भी कुछ शेयर आरक्षित रखे जाएंगे। एलआईसी के आईपीओ को देश में अब तक का सबसे बड़ा निर्गम माना जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश लक्ष्य में 78,000 करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है, इसीलिए एलआईसी का आईपीओ सरकार के लिए महत्त्वपूर्ण है। सरकार अब तक एयर इंडिया के निजीकरण और अन्य सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। एलआईसी की 2020 में घरेलू बाजार में 64.1 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी थी। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।