लेंसकार्ट के को-फाउंडर और ग्लोबल हेड ऑफ सोर्सिंग सुमीत कपाही
आईवियर मार्केट की मशहूर कंपनी लेंसकार्ट अभी शुरुआती पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा किया है। लेकिन इस दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कंपनी के को-फाउंडर और ग्लोबल हेड ऑफ सोर्सिंग सुमीत कपाही अपनी बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) की डिग्री और मार्कशीट के डॉक्यूमेंट्स खो चुके हैं। यह डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से ली गई थी, लेकिन अब उनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं।
कंपनी ने अपने ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट्स में बताया कि सुमीत कपाही ने अपनी डिग्री और मार्कशीट की कॉपी दोबारा पाने के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन वह इसमें असफल रहे हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी को कई ई-मेल और चिट्ठियां लिखीं। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए भी मार्कशीट की कॉपी के लिए अप्लाई किया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
लेंसकार्ट ने यह भी साफ किया कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यूनिवर्सिटी जल्दी जवाब देगी या फिर जवाब देगी भी या नहीं। कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हमारे प्रमोटर और ग्लोबल हेड ऑफ सोर्सिंग सुमीत कपाही अपनी बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री और मार्कशीट की कॉपी नहीं ढूंढ पाए हैं। यह भी पक्का नहीं है कि वह भविष्य ये डॉक्यूमेंट्स हासिल कर पाएंगे या भी नहीं।”
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सुमीत कपाही सितंबर 2011 से लेंसकार्ट के साथ जुड़े हैं। वह कंपनी में सोर्सिंग स्ट्रैटेजी बनाने, सप्लायर्स के साथ रिश्ते जोड़ने और लागत को कम करने जैसे अहम काम देखते हैं। लेंसकार्ट से पहले वह रे-बैन सन ऑप्टिक्स इंडिया के साथ काम कर चुके हैं। फाइनेंशियल ईयर 2025 में उन्हें 2.24 करोड़ रुपये का कुल मुआवजा मिला, जिसमें 50 लाख रुपये का इंसेंटिव भी शामिल है, जो 2026 में मिलेगा।
लेंसकार्ट ने सोमवार को SEBI के पास IPO के लिए डॉक्यूमेंट्स जमा किए थे। कंपनी इस IPO के जरिए 2,150 करोड़ रुपये की नई इक्विटी शेयर जारी करके फंड जुटाना चाहती है। इसके अलावा, कंपनी के प्रमोटर्स और निवेशक 13.22 करोड़ शेयर बेचेंगे। यह IPO कंपनी के लिए एक बड़ा कदम है, जो इसे और विस्तार करने में मदद करेगा।