इनवेशन और नवाचार में लगी कंपनियां भारत में अपने डेवलपमेंट सेंटर स्थापित कर रही है। भारत में काम कर रही वैश्विक कंपनियां मुंबई महानगरीय क्षेत्र में अपने रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर खोल रही हैं । जर्मन स्पेशियलिटी केमिकल्स कंपनी लैंक्सेस ने मुंबई से सटे ठाणे में अपने इंडिया एप्लीकेशन डेवलपमेंट सेंटर (आईएडीसी) शुरु किया है। भारत और विदेशों में लैक्सेस के कारखानों को तकनीक और नवाचार के जरिये इसी सेंटर से मजबूती प्रदान करने की योजना है ।
मुंबई से सटे ठाणे और नवी मुंबई का इलाका आईटी, रिसर्च और डाटा सेंटर का हब बनकर तेजी से उभर रहा है। नवाचार एवं ग्राहक सेवा में अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए जर्मन स्पेशियल्टी केमिकल्स कंपनी लैंक्सेस ने इंडिया ऐप्लीकेशन डेवलपमेंट सेंटर (आईएडीसी) की शुरुआत की। जो दो व्यवसाय इकाइयों के लिये एक हब का काम करेगा। भविष्य में इसका विस्तार भी किया जा सकेगा। लैंक्सेस की भारत में सभी 10 व्यावसायिक इकाइयां हैं जिनमें करीब 800 कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी की दो उत्पादन केन्द्र हैं । गुजरात के झागडिया में रीना केमी, लिक्विड प्यूरीफिकेशन टेक्नोलॉजीज और मटेरियल प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स बनते हैं और दूसरी मध्य प्रदेश के नागदा में है, जिसे फ्लेवर और फ्रैगरेंस में विशेषज्ञता हासिल है।
लैंक्सेस एजी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन मैथियास जैशर्ट ने कहा कि लैंक्सेस भारत को एक महत्वपूर्ण बाजार एवं नवाचार के केंद्र के तौर पर देखता है। आईएडीसी कंपनी की क्षमता बढ़ाएगा, ताकि वह स्थानीय आवश्यकताओं के लिये तैयार उच्च-महत्व वाले एवं विशिष्ट समाधान दे सके। इसके पहले चरण में भारत के दो प्रमुख व्यवसाय की विशेषज्ञता को जोड़ा जाएगा। लुब्रिकेंट एडिटिव्स (हाई-परफॉर्मेंस एडिटिव्स और एक्टिव सिस्टम, सिंथेटिक बेस फ्लूड्स और रेडी-टू-यूज़ लुब्रिकेंट्स) और मटेरियल प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स (एंटीमाइक्रोबियल, डिसइंफेक्शन और प्रीजर्वेशन सॉल्यूशंस)। इसमें नये मैटेरियल्स का सिंथेसिस और परीक्षण तथा पेंट्स, इमल्शन और जल-आधारित अन्य केमिस्ट्री के एंटीमाइक्रोबियल प्रदर्शन का अध्ययन भी होगा!
लैंक्सेस इंडिया के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नमितेश रॉय चौधरी ने कहा कि आईएडीसी को स्थापित कर हम अपनी विशेषज्ञता को अपने भारतीय ग्राहकों के ज्यादा करीब पहुँचा रहे हैं। यह सेंटर न केवल नवाचार का समर्थन करेगा, बल्कि बाजार के विकसित हो रहे प्रचलनों पर तेज गति तथा सटीकता के साथ काम करने के लिये हमारी क्षमता भी बढ़ाएगा। यह पर्यावरण के अनुकूल यातायात या उपभोक्ता संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण प्रयोग के लिये व्यवसाय के कम चक्रीय क्षेत्रों तथा समाधानों पर केन्द्रित है। भारत का बढ़ता औद्योगिक आधार और लगातार बढ़ रहे उपभोक्ता बाजार इसे इस तरह की प्रगति के लिये आदर्श प्लेटफॉर्म बनाते हैं।