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बालाजी वेफर्स में 6-7% हिस्सेदारी बेचने की दौड़, केदारा कैपिटल और जनरल अटलांटिक सबसे आगे

इस तरह कंपनी का मूल्यांकन लगभग 35,000 करोड़ रुपये से 40,000 करोड़ रुपये के बीच बैठ रहा है

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शार्लीन डिसूजा   
देव चटर्जी   
Last Updated- October 23, 2025 | 10:55 PM IST

गुजरात की बालाजी वेफर्स अपनी हिस्सेदारी बेचने के अंतिम चरण में है। एक जानकार सूत्र के अनुसार केदारा कैपिटल और जनरल अटलांटिक इस कंपनी में 6-7 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में सबसे आगे हैं। इस तरह कंपनी का मूल्यांकन लगभग 35,000 करोड़ रुपये से 40,000 करोड़ रुपये के बीच बैठ रहा है।

पैकेज्ड फूड्स की प्रमुख कंपनी ने पहले 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का इरादा किया था। पिछले महीने कम से कम 10 निजी इक्विटी फर्मों के साथ उसकी बातचीत चल रही थी जिनमें अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए), केकेआर ऐंड कंपनी, बेन ऐंड कंपनी, कार्लाइल, टीपीजी आदि शामिल थीं। जनरल अटलांटिक ने इस मामले में टिप्पणी से इनकार कर दिया जबकि केदारा कैपिटल ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

वीरानी बंधु – चंदूभाई, भीखूभाई और कनुभाई (जिन्होंने कंपनी की स्थापना की और जिनका इस पर नियंत्रण है) भारत में विस्तार के लिए आंशिक हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं। एक सूत्र ने पहले कहा था कि हल्दीराम के हालिया सौदे ने स्नैक्स श्रेणी में एक मानक स्थापित किया है, जिससे बालाजी के प्रमोटर नकदी जुटाने की संभावना तलाश रहे हैं। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि 22 सितंबर से हुए जीएसटी बदलाव के बाद कंपनियों को अपनी बिक्री कमाई में वृद्धि की उम्मीद है।

इस वर्ष मार्च में हल्दीराम ने इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी, अल्फा वेव ग्लोबल और सिंगापुर की सरकारी निवेश फर्म टेमासेक को 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 1 अरब डॉलर जुटाए थे। सूत्र ने कहा, ‘परिवार द्वारा संचालित कंपनी अपने विकास के अगले चरण को आगे बढ़ाने के लिए पेशेवर लाने पर भी विचार कर रही है।’राजकोट मुख्यालय वाली बालाजी वेफर्स, बालाजी ब्रांड के तहत चिप्स, नमकीन और कन्फेक्शनरी बनाती है और पश्चिमी और मध्य भारत में उसकी मजबूत उपस्थिति है।

First Published : October 23, 2025 | 9:54 PM IST