दिग्गज विमानन कंपनी जेट एयरवेज जब अगले महीने से दुबई के लिए अपनी उड़ानें शुरू करेगी तो उसे इस मार्ग पर सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया से कड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एयर इंडिया पिछले कुछ महीनों से इस क्षेत्र के लिए अपनी उड़ानों में कटौती कर रही है। इससे नई कंपनियों के लिए रास्ता और आसान हो गया है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक एयर इंडिया दुबई के लिए तकरीबन 40 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती थी, लेकिन अब यह संख्या घट कर महज 15 रह गई है। इसके पीछे एक प्रमुख कारण यह भी है कि इन मार्गों पर उड़ने वाले एयरबस 310 विमानों की कमी हो गई है।
वैसे इस उद्योग के जानकारों का कहना है कि इसका असली कारण इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा और मार्जिन पर पड़ रहा दबाव है। जेट एयरवेज और इसकी सहयोगी कंपनी जेटलाइट ने दुबई के लिए उड़ान शुरू करने के लिए हाल ही में सरकारी अनुमति हासिल की है। इससे इस बात के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं कि लंबे समय तक एकाधिकार रखने वाली एयर इंडिया की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं।
अधिकारियों के मुताबिक जेट मुंबई, दिल्ली और चेन्नई से अगले महीने से दुबई के लिए अपनी उड़ानें शुरू करने जा रही है। जेट को अगले साल जाड़े के मौसम में तिरूवनंतपुरम, कोच्चि और बेंगलुरु से उड़ानें शुरू करने की अनुमति मिल गई है। हालांकि जेटलाइट अभी दुबई के लिए अपनी उड़ानें शुरू नहीं कर रही है। जेटलाइट के मुख्य कार्यकारी मौनू वान ल्यूडर्स ने बताया, ‘फिलहाल हमने दुबई के लिए उड़ान शुरू करने का फैसला नहीं किया है।’
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक एयर इंडिया ने बेंगलुरु और तिरूवनंतपुरम जैसे शहरों से दुबई के लिए अपनी सीधी उड़ानें बंद करने का फैसला किया है और वह दिल्ली और मुंबई से संचालित की जाने वाली उड़ानों की संख्या में पहले ही कटौती कर चुकी है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘एयर इंडिया चार उड़ानें बेंगलुरु से और चार उड़ानें तिरूवनंतपुरम से दुबई के लिए संचालित करती है। इन उड़ानों को बंद किया जाएगा। सी तरह मुंबई और दिल्ली से दुबई के लिए संचालित की जाने वाली उड़ानों की संख्या में कटौती की जाएगी। इन दोनों शहरों से दुबई के लिए सप्ताह में सिर्फ 7 उड़ानें ही होंगी।
हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि दुबई के लिए विमानन कंपनियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रख कर मंत्रालय ने सरकारी विमानन कंपनी को इस क्षेत्र में अपनी उड़ानें बढ़ाने को कहा है। हालांकि एयर इंडिया की कम खर्च वाली सहयोगी कंपनी एआई एक्सप्रेस भारत-दुबई मार्ग पर अपनी उड़ानों की संख्या में इजाफा कर रही है, लेकिन यह जेट एयरवेज से प्रतिस्पर्धा नहीं करेगी। एआई एक्सप्रेस के एक अधिकारी ने बताया, ‘हम जयपुर, लखनऊ, त्रिची, नागपुर, मंगलोर और कोच्चि जैसे छोटे शहरों से दुबई के लिए उड़ानें संचालित करते हैं और इसलिए जेट हमसे सीधी प्रतिस्पर्धा नहीं करेगी।
दिल्ली, मुंबई और चेन्नई की हमारी सभी उड़ानें अप्रत्यक्ष उड़ानें हैं। हमारी चेन्नई उड़ानें भी त्रिची और हैदराबाद होते हुए संचालित की जाती हैं। इसी तरह दिल्ली उड़ानें जयपुर और लखनऊ होते हुए और वहीं मुंबई उड़ानें नागपुर होते हुए संचालित की जाती हैं।’ हालांकि जेट को दुबई की दिग्गज विमानन कंपनी ऐमिरेट्स से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी जो फिलहाल भारत के लिए सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है।
जुलाई 2007 से ऐमिरेट्स ने भारत के लिए अपनी उड़ानों में 77 फीसदी का इजाफा किया है। यह विमानन कंपनी सप्ताह में कुल 125 उड़ानें संचालित करती है। इसके अलावा सिम्पलीफ्लाई डेक्कन को भी मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु समेत अन्य शहरों से उड़ानें शुरू करने की अनुमति मिल गई है।