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स्वत: बहाल नहीं हो सकते जेट एयरवेज के स्लॉट

Last Updated- December 12, 2022 | 4:02 AM IST

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एनसीएलटी में जमा कराए अपने अतिरिक्त शपथपत्र में स्लॉट को लेकर अपने रुख को दोहराया है। मंत्रालय ने कहा है कि समाधान आवेदक पुराने स्लॉट का दावा नहीं कर सकता, जो उसे पहले से आवंटित थे। 
मंत्रालय और डीजीसीएस ने अपने शपथपत्र में कहा है, जेट एयरवेज को दिए गए स्लॉट को स्वत: बहाल नहीं किया जा सकता और जेट एयरवेज के स्लॉट का आवंटन नियमों व दिशानिर्देशों के मुताबिक होगा।
जब जेट एयरवेज ने परिचालन बंद किया था तब वे स्लॉट अस्थायी आधार पर विभिन्न विमानन कंपनियों को वितरित कर दिए गए थे। साथ ही जिन विमानन कंपनियों को इन स्लॉटों के इस्तेमाल करने के लिए दिया गया था उन्हें तत्काल ढांचा बनाने को कहा गया था और उन्होंने इस पर मोटा निवेश भी किया था ताकि आम लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। शपथपत्र में कहा गया है, इस लिहाज से आवंटन हालांकि विमानन कंपनियोंं को अस्थायी तौर पर किया गया था, लेकिन बिना किसी उचित आधार के उनसे ये स्लॉट वापस नहीं लिए जा सकते।
इसमें कहा गया है, जब जेट एयरवेज स्लॉट के लिए आवेदन करेगी तब सभी विमानन कंपनियों के बीच बिना किसी पक्षपात के इनका आवंटन किया जाएगा और ये आवंटन स्लॉट आवंटन से संबंधित दिशानिर्देश 2013 के मुताबिक होंगे। इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
अपने शपथपत्र में कालरॉक-जालान कंसोर्टियम (जो जेट एयरवेज के कामयाब समाधान आवेदक हैं) ने कहा है, उन्हें लगा था कि जेट के स्लॉट व ट्रैफिक राइट्स उन्हें वापस मिल जाएंगे। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल और आवेदक ने लगातार विमानन मंत्रालय व डीजीसीए को पत्र लिखकर सभी स्लॉटों व ट्रैफिक राइट्स पर दावा किया था। जबकि अथॉरिटी ने ये स्लॉट व ट्रैफिक राइट्स अन्य विमानन कंपनियों को आवंटित कर दिए।
साथ ही उनका आरोप है कि अथॉरिटी ने किसी भी समय रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को सूचित नहींं किया कि जेट के अधिकार कॉरपोरेट ऋणी को उपलब्ध नहीं होंगे या अस्थायी आधार प अन्य कंपनियों को आवंटित स्लॉट व ट्रैफिक राइट दोबारा उन्हें नहीं मिलेंगे।
दूसरी ओर मंत्रालय व डीजीसीए ने कहा है कि स्लॉट का मालिकाना हक किसी एक इकाई के पास नहीं हो सकता। स्लॉट आवंटन संबंधित एयरपोर्ट ऑपरेटर करते हैं, जो रनवे की क्षमता, टर्मिनल की क्षमता, पार्किंग स्टैंड की क्षमता व एयरपोर्ट पर अन्य बुनियादी ढांचे के आधार पर तय होता है। साथ ही इसमें नियमोंं का भी ख्याल रखा जाता है। इसके मुताबिक, कॉरपोरेट ऋणी या समाधान आवेदक किसी स्लॉट पर दावा नहीं कर सकते। नकदी संकट के बाद जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी। इस कंपनी के स्लॉट व ट्रैफिक राइट तब अन्य विमानन कंपनियोंं को आवंटित कर दिए गए थे ताकि वे इस कमी की भरपाई कर सकें और नई सेवाएं शुरू कर सकें।

First Published - June 3, 2021 | 11:47 PM IST

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