प्रमुख दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्याधिकारी रविंदर टक्कर ने कहा है कि साल 2022 के दौरान शुल्क दरों में वृद्धि का एक अन्य दौर संभव है। पिछले साल नवंबर में निजी क्षेत्र की तीनों दूरसंचार कंपनियों ने प्रीपेड शुल्क वाले प्लान में करीब 20 फीसदी की वृद्धि की थी। इससे दूरसंचार कंपनियों के प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में वृद्धि होगी। शुल्क दरों में वृद्धि ने रीचार्ज को भी प्रभावित किया है और इससे विशेष तौर पर वोडाफोन आइडिया के सिम कार्ड में सुदृढीकरण भी दिखा है।
टक्कर ने कहा कि साल 2022 में शुल्क दरों में वृद्धि भी संभव है जो इस बात पर निर्भर करेगी कि बाजार ने हालिया वृद्धि को किस प्रकार स्वीकार किया है।
टक्कर ने आज कंपनी के वित्तीय नतीजे के बाद बातचीत में कहा, ‘साल 2022 में शुल्क दरों में एक अन्य वृद्धि संभव है। निश्चित रूप से एक खास समय पर वृद्धि की जाएगी। पिछली बार करीब दो साल के बाद वृद्धि की गई थी। मैं समझता हूं कि उसमें काफी लंबा वक्त लग गया। इसलिए जाहिर तौर पर हम दो साल से कम समय में वृद्धि की उम्मीद करेंगे। लेकिन साल 2022 में हमें थोड़ा इंतजार करना होगा और यह देखना होगा कि इन कीमतों को कितनी तेजी से स्वीकार कर लिया जाता है। इसलिए मूल्य वृद्धि 2023 में भी हो सकती है।’ वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में वोडाफोन आइडिया का घाटा 59.5 फीसदी बढ़कर 7,230 करोड़ रुपये हो गया। जबकि राजस्व में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई लेकिन क्रमिक आधार पर राजस्व एवं एआरपीयू दोनों में सुधार हुआ। टक्कर ने कहा मूल्य वृद्धि का प्रभाव चौथी तिमाही में भी दिखेगा।
क्रमिक आधार पर कंपनी के राजस्व में 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तिमाही के दौरान कंपनी एआरपीयू 5.2 फीसदी बढ़कर 115 रुपये हो गया। तिमाही के दौरान कंपनी को 58 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ।
वित्त पोषण के सवाल पर उन्होंने कहा कि निवेशकों के बीच नई दिलचस्पी है, खास तौर जब कंपनी ने विलंबित देनदारियों पर ब्याज को सरकार के लिए इक्विटी में तब्दील करने का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा कि हम इस वित्त वर्ष में कवायद (वित्त पोषण) को समाप्त करने का लक्ष्य बना रहे हैं।
मुख्य वित्तीय अधिकारी अक्षय मूंद्रा ने कहा कि ब्याज का भुगतान न करने के फैसले से कंपनी को सालाना लगभग 1,600 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है और इस आय का उपयोग वह नेटवर्क विस्तार के लिए करेगी। इसके अलावा सरकार ने दूरसंचार सुधार पैकेज के बाद करीब 17,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कंपनी को उनके बदले में बैंकों से नई निधि और गैर-निधि आधारित सुविधाओं का लाभ उठाने की उम्मीद है।
