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अब आया टीवी पर फिल्म देखने का भुगतान आधारित मॉडल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:51 AM IST

कोविड महामारी के प्रसार पर रोक के लिए देश भर में सिनेमाघरों को बंद रखे जाने से भारत में मीडिया एवं मनोरंजन कंपनियां फिल्म के शौकीनों तक पहुंचने के लिए नए-नए तरीके तलाश रही हैं। लॉकडाउन में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर नई फिल्मों की रिलीज होने के बाद अब टीवी चैनलों ने भी दर्शकों की पसंदीदा फिल्में दिखाने की नई पेशकश की है। पिछले हफ्ते ज़ी ने अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी-5 पर भुगतान कर फिल्म देखने की सुविधा देने वाली पे-पर-व्यू सेवा ज़ी प्लेस अगले महीने से शुरू करने की घोषणा की। पे-पर-व्यू का मतलब है कि दर्शक जिस फिल्म को देखना चाहते हैं उसे वे किराये पर ले सकते हैं या उसे खरीदकर भी देख सकते हैं। अमेरिका जैसे बाजारों में पे-पर-व्यू का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
हालांकि भारत में पे-पर-व्यू का बाजार अभी एकदम शुरुआती स्तर है लेकिन कंपनियां इस पर भी बारीक नजर रखने लगी हैं। मसलन, मनोरंजन क्षेत्र की पुरानी कंपनी शेमारू ने शेमारूमी बॉक्स ऑफिस नाम से अपनी पे-पर-व्यू सेवा शुरू कर दी है। शेमारू का दावा है कि इस सेवा में दर्शकों को घर पर बैठे हुए ही सिनेमाघर में फिल्म देखने जैसा अनुभव मिलेगा। इस सेवा के तहत परोसी जाने वाली फिल्में तीन दिनों के लिए खरीदार को 80-100 रुपये के शुल्क पर मुहैया कराई जाती हैं। अभी तक शेमारू ने इस सेवा के तहत माई क्लाइंट्स वाइफ और स्कॉटलैंड फिल्में पेश की हैं। जानकारों का मानना है कि ज़ी जैसी बड़ी मीडिया कंपनियां कहीं बड़े स्तर की फिल्में इस सेवा में परोस सकती हैं।
डिज्नी का वैश्विक स्तर पर पे-पर-व्यू मॉडल पहले से ही है लेकिन वह इसे फिलहाल भारत में नहीं ला रही है। भारत में डिज्नी अपने स्वामित्व वाले स्टार समूह के चैनलों के अलावा डिज्नी प्लस हॉटस्टार ओटीटी प्लेटफॉर्म भी चलाती है। कंपनी की बहु-प्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय फिल्म मुलान को पिछले दिनों अमेरिका में हफ्ते पे-पर-व्यू सेवा पर ही 30 डॉलर के शुल्क पर रिलीज किया गया।
विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत अब भी पैसे की अहमियत पर चलने वाला बाजार है लिहाजा टेलीविजन पर देखने के लिए फिल्म को कुछ दिनों के लिए किराये पर लेने या खरीदने का चलन शायद पर उतना जोर न पकड़ पाए। इलारा कैपिटल के उपाध्यक्ष (शोध) करन तौरानी कहते हैं, ‘दरअसल पे-पर-व्यू कोरोना की वजह से सिनेमाघरों के बंद होने की वजह से पैदा हुई सेवा है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर तो युवा आगे भी कार्यक्रम देखते रहेंगे लेकिन टीवी पर भुगतान कर फिल्में देखने का चलन शायद चल न पाए। सिनेमाघरों के खुलते ही फिल्मप्रेमी वहीं पर जाना शुरू कर देंगे।’ फिर भी कुछ जानकारों को लगता है कि महामारी ने घरों पर बैठे उपभोक्ताओं की नजर में मीडिया कंपनियों को प्रासंगिक बने रहने के लिए अलग हटकर सोचने के लिए मजबूर किया है। मसलन, ओटीटी कंपनियां डिजिटल रिलीज को लेकर काफी आक्रामक रही हैं और इसके लिए उन्होंने जल्द ही रिलीज होने वाली हिंदी एवं भाषाई फिल्मों के साथ करार भी किया।
ज़ी ने भी अपनी प्लेक्स सेवा पर नई फिल्मों की रिलीज के लिए नई फिल्मों को साथ लाना शुरू कर दिया है। उसने बताया कि ईशान खट्टर और अनन्या पांडे की आने वाली फिल्म खाली पीली प्लेक्स पर 2 अक्टूबर को रिलीज होगी। आने वाले हफ्तों में कई दूसरी फिल्मों को भी इस सेवा पर लाने की तैयारी है। ओटीटी और टीवी के अलावा टाटा स्काई, डिश टीवी और एयरटेल डिजिटल ऑपरेटर भी यह सेवा मुहैया कराएंगे।
ज़ी स्टूडियोज के मुख्य कार्याधिकारी शारिक पटेल कहते हैं, ‘भले ही हम नई फिल्मों को अपने नजदीकी सिनेमाघरों में देखना पसंद करते हैं लेकिन हमें लगा कि ज़ी प्लेक्स जैसी सेवा की जरूरत आ गई है जिसके जरिये उपभोक्ताओं को अपनी सुविधा के मुताबिक घर पर बैठे हुए कभी भी फिल्म देखने की सहूलियत हो जाएगी।’ शेमारू एंटरटेनमेंट के मुख्य कार्याधिकारी हीरेन गडा कहते हैं कि पे-पर-व्यू से फिल्म उद्योग के लिए एक वैकल्पिक वितरण मॉडल तैयार हो सकता है। वैसे कुछ जानकारों का कहना है कि मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के बंद होने की स्थिति में खास तरह के दर्शकों को यह सेवा पसंद भी आ सकती है।
ज़ी ने अभी तक प्लेक्स सेवा के तहत लिए जाने वाले शुल्क की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि प्लेक्स भारत में पे-पर-व्यू सेवा के लिए एक मानदंड तय करेगी।

First Published : September 16, 2020 | 11:40 PM IST