प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों ने विदेश में अपने ग्राहकों से ऑनसाइट काम के लिए मांग में तेजी के संकेत दिए हैं। इसे मुख्य तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ यूरोपीय देश जैसे प्रमुख बाजारों में करीब 50 फीसदी आबादी का टीकाकरण होने बल मिला है। मांग में ऐसी किसी भी तेजी का फायदा उठाने के लिए भारतीय आईटी कंपनियां अधिक स्थानीय लोगों की नियुक्तियां कर रही हैं और हाइब्रिड मॉडल को अपना रही हैं।
विप्रो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) सौरभ गोविल ने चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करने के बाद कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान ऑफशोरिंग में तेजी आई है लेकिन हाल में ऑनसाइट काम के लिए मांग में भी तेजी दर्ज की गई है।
गोविल ने कहा, ‘हम मानव का स्वभाव ही सबकुछ ठीक होने पर सामान्य की ओर लौटने का होता है। यदि आप अमेरिका पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि करीब 50 आबादी का टीकाकरण हो चुका है। हालांकि पिछले छह से नौ महीनों के दौरान हमने ऑफशोर मांग में तेजी देख रहे थे लेकिन पिछले एक महीने के दौरान हमने ऑनसाइट काम के लिए मांग में तेजी दर्ज की है।’
पिछले साल कोविड-19 के प्रकोप और यात्रा पर पूरी तरह पाबंदी होने के साथ ही आईटी उद्योग ने देखा कि ग्राहक घर से काम करने को स्वीकार कर रहे थे। लेकिन अधिकांश बाजार में टीकाकरण होने के साथ ही लोगों को लगता है कि कुछ यात्रा की भी वापसी होगी। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी बाजारों में शीर्ष आईटी सेवा कंपनियों की नियुक्ति संबंधी मौजूदा रणनीतिक मांग में किसी भी तेजी से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है। कुल मिलाकर कंपनियां भी इस बात से सहमत हैं कि उनके पास पिछले साल से मौजूद कई वीजा का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
टीसीएस के सीएचआरओ मिलिंद लक्कड़ ने कहा, ‘वीजा पर हमारी निर्भरता निश्चित तौर पर कम हुई है क्योंकि हम विदेश में भी पर्याप्त संख्या में नियुक्तियां कर रहे हैं। लेकिन हमने देखा है कि कुछ देशों में किए जाने वाले काफी काम भारत की ओर रुख करने लगा है। हालांकि इसके बारे में कोई आंकड़ा बताना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन ऐसे काफी काम अब भारत आने लगे हैं जिनके बारे में हम पहले सोच भी नहीं सकते थे अथवा ग्राहक उन्हें स्थानांतरित करने के लिए तैयार नहीं थे।’
टीसीएस ने वित्त वर्ष 2021 के दौरान अमेरिका में विभिन्न परिसरों से 3,000 लोगों को नियुक्त किया था जो उसका अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2020 में केवल अमेरिका में कंपनी ने 2,000 लोगों को नियुक्त किया था।
एवरेस्ट ग्रुप के सीईओ पीटर बेंडर सैमुअल ने भी इस बात से सहमति जताई कि अमेरिका और ब्रिटेन में टीकाकरण की रफ्तार जारी रहने से कई कंपनियां अपने कार्यालय में लौटने लगी हैं अथवा लौटने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘कई कंपनियां संकेत दे रही हैं कि वे कामकाज के हाइब्रिड मॉडल को अपना रही हैं। इसके तहत कुछ कर्मचारियों को घर से काम करने और कुछ को दफ्तर आने के लिए कहा जा रहा है। इन सब से ग्राहकों में आउटसोर्सिंग को लेकर विश्वास बढ़ा है। इससे ऑफशोर सेवाओं की मांग में तेजी आई है। हालांकि इस मुद्दे पर विवाद अब भी बरकरार है कि ऑफशोर काम करने की मौजूदा प्रवृत्ति कितने समय तक बरकरार रहेगी। इस संबंध में कुछ भी बोलने से पहले हमें कहीं अधिक आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत होगी।’
भारत फिलहाल कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है और कुछ देश यात्रा संबंधी एडवाइजरी पहले ही जारी कर चुके हैं। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि हाइब्रिड मॉडल फिलहाल कुछ समय तक बरकरार रहेगा। यहां तक कि कुछ ऑनसाइट काम को भी इसी मॉडल के जरिये निपटाया जाएगा।
ईआईआईट्रेंड के सीईओ एवं प्रमुख विश्लेषक पारीख जैन ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि कम से मम लघु अवधि के लिए घर से काम करने और हाइब्रिड मॉडल पर जोर रहेगा। इसके अलावा ऑफशोर में लागत के मोर्चे पर भी काफी बचत होती है।’