‘मेक इन इंडिया’ पर भारत के प्रयासों के बीच 5जी दूरसंचार नेटवर्कों की राह में सफलता हासिल की है। भारती एयरटेल-टाटा और रिलायंस जियो ने अपने स्वयं के उपकरणों पर आधारित 5जी परीक्षण किए हैं।
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा है कि टाटा समूह के साथ उनका 5जी परीक्षण अगले साल अप्रैल-मई में शुरू होने की संभावना है, देश में वाणिज्यिक नेटवर्कों की शुरुआत से पहले आरंभ हो जाएगा।
टीसीएस सरकार स्वामित्व के वाली भारत संचार निगम लिमिटेड के साथ अपने 4जी स्टैक की आपूर्ति की योजना बना रही है और मित्तल का कहना है कि वह इनका इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।
उनका कहना है कि टीसीएस और भारती एयरटेल के अधिकारियों ने फोरम बनाए थे। टाटा समूह ने हाल में तेजस नेटवर्क खरीदा है, जिसका इस्तेमाल भारती एयरटेल के लिए ट्रांसमिशन आपूर्ति और बैकहॉल में किया जाना है।
मित्तल ने कहा, ‘हम कई बार यह अवसर गंवा चुके हैं, जब दूरसंचार उपकरण कंपनियां भारत आने के बजाय चीन या वियतनाम जाना चाहती थीं। हमें भारत में इनके निर्माण की जरूरत है और हम इस संदर्भ में बड़ी कंपनी बन सकते हैं।’
रिलायंस जियो ने नवी मुंबई में अपनी स्वदेशी 5जी कोर, 5जी का ट्रायल शुरू किया है, जिसके लिए उसे सरकार से अनुमति मिल गई है।
पिछले साल कंपनी ने शुरू में अमेरिका में वेरीजोन नेटवर्क पर 5जी कोर का परीक्षण किया था, जबकि भारतीय सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम का इंतजार कर रही है।
यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्वदेशी नेटवर्क निर्माण की क्षमताओं के संदर्भ में 5जी ओपन रन नेटवर्क में भारत को दिग्गज बनाने में लंबा समय लगेगा।
भारती एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भारत बेहद चुनौतीपूर्ण दूरसंचार नेटवर्कों में से एक है। यदि नेटवर्क यहां काम करता है, जो वह दुनिया के अन्य हिस्सों में भी कारगर होगा।’
स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश जून में शुरू हुई थी, जब रिलायंस जियो ने घोषणा की कि वह अपने स्वयं के 5जी नेटवर्क का निर्माण एवं निर्यात करेगी। करीब 12,195 करोड़ रुपये की रियायत के साथ उसे समान महीने में दूरसंचार उपकरण के लिए सरकार द्वारा पीएलआई की पेशकश से भी मदद मिली थी। पीएलआई योजना ने 33 कंपनियों को आकर्षित किया, जिनमें नोकिया, फ्लैक्सट्रॉनिक्स, जबिल, फॉक्सकॉन, एचएफसीएल और तेजस (अब टाटा समूह में) मुख्य रूप से शामिल हैं।
यह बदलाव सिर्फ निजी दूरसंचार कंपनियों तक सीमित नहीं रहा है। पिछले साल नवंबर में दूरसंचार विभाग द्वारा गठित तकनीकी समिति ने भी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी को 4जी के लिए भारत निर्मित कोर इस्तेमाल को बढ़ावा दिया था।
इस साल जून में भारती एयरटेल ने 5जी नेटवर्क निर्माण में सहयोग के लिए एक सौदे की घोषणा के साथ टाटा समूह के साथ हाथ मिलाया।
