देश की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को समर्थन देने और अपनी उच्च गति की वैश्विक नेटवर्क क्षमता के विस्तार के लिए भारती एयरटेल समुद्री केबल गठजोड़ एसईए-एमई-डब्ल्यूई-6 (सी-मी-वी-6) में शामिल हो गई है। एयरटेल ने कहा कि वह एसईए-एमई-डब्ल्यूई-6 में प्रमुख निवेशक के रूप में भाग ले रही है और केबल प्रणाली में कुल निवेश का 20 फीसदी जुटाएगी। यह 2025 में लाइव हो जाएगा।
उधर, देश की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर रिलायंस जियो इन्फोकॉम की अगली पीढ़ी की मल्टी-टेराबाइट इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस (आईएएक्स) समुद्री केबल प्रणाली मालदीव के हुलहुमाले को जोड़ेगी। कंपनी ने कहा है कि उच्च क्षमता और उच्च गति वाली आईएक्स प्रणाली हुलहुमाले को सीधे भारत और सिंगापुर में दुनिया के प्रमुख इंटरनेट केंद्रों से जोड़ेगी।
एयरटेल जिस कंसोर्टियम में शमिल हुई है उसके 12 अन्य सदस्यों में बांग्लादेश सबमरीन केबल कंपनी (मालदीव), जिबूती टेलीकॉम (सऊदी अरब), ऑरेंज (फ्रांस), सिंगटेल (सिंगापुर), श्रीलंका टेलीकॉम, टेलीकॉम इजिप्ट, टेलीकॉम मलेशिया और तेलिन (इंडोनेशिया) शामिल हैं। 19,200 आरकेएम (रूट किलोमीटर) का
एसईए-एमई-डब्ल्यूई-6 सिंगापुर और फ्रांस को जोड़ेगा। यह वैश्विक स्तर पर दुनिया की सबसे लंबी समुद्री केबल प्रणाली होगी। एयरटेल ने बयान में कहा कि वह भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए इस गठजोड़ का हिस्सा बनी है।
जियो इन्फोकॉम ने एक बयान में कहा है कि जियो की आईएएक्स परियोजना ओशन कनेक्ट मालदीव के सहयोग से मालदीव में उतरेगी। आईएएक्स प्रणाली मुंबई में पश्चिम से निकलती है और यह सीधे सिंगापुर को जोड़ती है। इसकी अतिरिक्त लैंडिंग के साथ शाखाएं भारत, मलेशिया और थाइलैंड में हैं। भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (आईईएक्स) प्रणाली मुंबई को मिलान से जोड़ती है। यह इटली के सवोना में उतरती है। इसके अलावा इसकी अतिरिक्त लैंडिंग पश्चिम एशिया, उत्तरी अमेरिका और भूमध्य सागर में है। आईएएक्स सेवा के लिए 2023 के अंत तक तैयार हो जाएगी।
वहीं आईईएक्स 2024 के मध्य तक सेवा के लिए तैयार होगी। बयान में कहा गया है कि यह उच्च क्षमता और उच्च गति वाली प्रणाली 16,000 किलोमीटर से अधिक में 200 टीबीाएस से अधिक की क्षमता के साथ 100 जीबीएस की गति प्रदान करेगी।
