एलआईसी के अंतर्निहित मूल्य निकालने में लगेगा वक्त

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:27 AM IST

भारतीय जीवन बीमा निगम के अंतर्निहित मूल्य को निकालने की प्रक्रिया में एक तिमाही से अधिक का वक्त लग सकता है। यह स्थिति तब है जबकि बीमाकर्ता ने बीमांकिक मॉडलिंग सॉफ्टवेयर की खरीद की प्रकिया शुरू कर दी है और इसे क्रियान्वित करने के लिए ईवाई इंडिया को नियुक्त किया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक एलआईसी के अंतर्निहित मूल्य का पता लगाना देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए महत्त्वपूर्ण तैयारी वाला कदम है और सरकार को उम्मीद है कि यह प्रक्रिया एक तिमाही में पूरी हो जाएगी। हालांकि, प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में एक तिमाही से अधिक का वक्त लग सकता है क्योंकि एलआईसी के पास सैकड़ों बीमा उत्पाद हैं।
बीमाकर्ता ने तकनीकी और सेवा क्षेत्र की दिग्गज एफआईएस को बीमांकिक मॉडलिंग सॉफ्टवेयर प्रोफेट को मुहैया कराने के लिए चयनित किया है। भारत में सभी जीवन बीमा कंपनियां इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती हैं। ईवाई इंडिया को सॉफ्टवेयर को क्रियान्वित करने में एलआईसी की मदद के लिए नियुक्त किया गया है और बीमांकिक तथा सांविधिक मॉडल को तैयार करने में यह मददगार होगा। प्रोफेट का इस्तेमाल आईपीओ के लिए जमीनी तैयारी है क्योंकि यह एलआईसी को समय पर वित्तीय रिपोर्टिंग में मदद करेगा।
अब तक एलआईसी के पास अपना आंतरिक सॉफ्टवेयर था, जिससे सांविधिक मूल्य के आकलन में मदद मिलती थी। उक्त अधिकारी ने कहा कि सूचीबद्घता और वित्तीय स्थितियों की समय पर रिपोर्टिंग की जरूरतों को देखते हुए बीमाकर्ता को अपने अंतर्निहित मूल्य के बारे में बताने की जरूरत पड़ती है।
एक अन्य अधिकारी के मुताबिक भले ही सरकार अंतर्निहित मूल्य की गणना को एक तिमाही में पूरा करने की उम्मीद जता रही है और इसके लिए प्रकिया पर जोर दे रही है तब भी इस काम में लंबा वक्त लग सकता है।
अधिकारी ने कहा, ‘एलआईसी के पास सैकड़ों उत्पाद हैं और इन सभी उत्पादों पर सॉफ्टवेयर का परीक्षण करना और अंतर्निहित मूल्य को निकालना एक बड़ा और समय खपाने वाली प्रक्रिया है।’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में आई नई तेजी और उसके बाद राज्यों की ओर से लॉकडाउन लगाए जाने से भी इस प्रक्रिया को तेज करने में मुश्किल आ रही है।
उन्होंने कहा कि एक बार नए सॉफ्टवेयर से अंतर्निहित मूल्य की गणना होने के बाद मिलिमैन एवाइजर्स स्वतंत्र रूप से सॉफ्टवेयर के परिणामों की वैधता जांचेगी और बीमाकर्ता के बही खाता से भी इसकी जांच करेगी। दिसंबर में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एक्सचेंजों पर एलआईसी को सूचीबद्घ कराने से पहले उसके अंतर्निहित मूल्य के निर्धारण के लिए मिलिमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को चुना था। बीमाकर्ता के आईपीओ को लॉन्च करने में यही एकमात्र बाधा नहीं है। इसके अलावा देश का सबसे बड़ी बीमाकर्ता कोष प्रबंधन और अनुपालन प्रबंधन के लिए भी प्रणालियों को लागू कर रही है।

First Published : April 27, 2021 | 12:20 AM IST