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भारत में iPhone प्रोडक्शन: Apple का 40 अरब डॉलर का बड़ा लक्ष्य, अमेरिकी मांग पूरी करने के लिए बढ़ाया उत्पादन

अमेरिका के स्मार्टफोन व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान औसत वार्षिक आयात 60 अरब डॉलर का रहा।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- May 04, 2025 | 10:49 PM IST

वित्त वर्ष 2026 के अंत तक भारत में आईफोन के उत्पादन के लिए ऐपल का लक्ष्य करीब 40 अरब डॉलर का हो सकता है। इस मामले की जानकारी रखने वालेों ने यह बताया। उन्होंने कहा कि इससे कंपनी लगातार बढ़ रही घरेलू मांग को पूरा करने के अलावा अमेरिका में अपनी 80 फीसदी मांग को भी पूरा कर सकेगी।

कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी टिम कुक द्वारा 2025 की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे पर विश्लेषकों से चर्चा के मद्देनजर यह बात सामने आई है। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा था कि अप्रैल से जून तिमाही के दौरान अमेरिका में बिकने वाले 

अधिकतर आईफोन भारत से आएंगे। ऐसा मुख्य तौर पर अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क के कारण होगा। फिलहाल भारत से शून्य शुल्क के साथ फोन के आयात की अनुमति दी गई है जबकि चीन से आयात पर 20 फीसदी शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में अमेरिकी मांग को पूरा करने के लिए चीन की जगह भारत पर जोर देना आवश्यक और किफायती विकल्प हो जाता है। इस बाबत जानकारी के लिए ऐपल इंक के प्रवक्ता को भेजे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

अमेरिका के स्मार्टफोन व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान औसत वार्षिक आयात 60 अरब डॉलर का रहा। इसमें आईफोन की हिस्सेदारी 2020 से ही सालाना 38 से 41 अरब डॉलर पर करीब दो तिहाई रही है।

इसी अवसर के बारे में ऐपल ने कहा है कि वह इस तिमाही से भारत में  अपना विनिर्माण स्थानांतरित करना शुरू कर देगा, बशर्ते शुल्क में कोई बड़ा बदलाव न हो।

तमाम गणनाओं एवं चर्चाओं के अनुसार, इसके लिए ऐपल को भारत में अपने उत्पादन मूल्य को मौजूदा 22 अरब डॉलर से बढ़ाना होगा। इसमें निर्यात को 17.5 अरब डॉलर से दोगुना करना भी शामिल है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आईफोन के निर्यात को 32 से 35 अरब डॉलर तक पहुंचाना होगा। अनुमान है कि आईफोन का घरेलू बाजार 5 से 8 अरब डॉलर का है। ऐसे में अमेरिका की 80 फीसदी मांग को पूरा करने के लिए आईफोन के उत्पादन को 40 अरब डॉलर तक बढ़ाना पड़ेगा। 

हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अगले साल से भारतीय उत्पादन के जरिये अमेरिका की पूरी मांग के लिए आपूर्ति की जाएगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो इसके लिए ऐपल को हर महीने औसतन करीब 3.3 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन का उत्पादन करना होगा।

इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के आकलन अनुसार, भारत को वित्त वर्ष 2026 में 35 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात करने में समर्थ होना चाहिए। यह एक साल पहले के 25 अरब डॉलर के मुकाबले काफी अधिक है। यह आकलन कुक के बयान से पहले किया गया था।

वित्त वर्ष 2024 में ऐपल की 391 अरब डॉलर की कुल वैश्विक आय में आईफोन का योगदान करीब 201 अरब डॉलर यानी 51 फीसदी रहा।

बहरहाल, ऐपल के लिए कुछ चुनौतियां भी बरकरार हैं। पहला, शुरुआती योजना इस धारणा पर आधारित है कि भारत शुल्क पर बातचीत के बाद चीन के मुकाबले बेहतर विकल्प बनेगा। दूसरा, इसके लिए कंपनी को चीन से अपनी मशीनरी भारत स्थानांतरित करनी पड़ेगी और नए उपकरण आयात करने पड़ेंगे। तीसरा, उत्पादन में इस प्रकार के जबरदस्त विस्तार के लिए सरकार से मदद की जरूरत होगी।

First Published : May 4, 2025 | 10:49 PM IST