Piyush Goyal
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की हालिया न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की संभावित रूपरेखा पर चर्चा की और विचारों का आदान-प्रदान किया। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष व्यापार समझौते को जल्द अंतिम रूप देने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे। गोयल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका दौरे पर गए थे।
वाणिज्य विभाग ने एक बयान में कहा, ‘दोनों पक्षों ने समझौते की संभावित रूपरेखा पर विचारों का आदान-प्रदान किया और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया गया।’
गोयल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल 22 से 24 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहा। इस दौरान गोयल अपने समकक्ष अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जैमीसन ग्रीर और भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर के साथ बैठकें कीं। गोयल के साथ वाणिज्य विभाग के अधिकारियों का एक दल भी था जिसका नेतृत्व वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव एवं मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने किया।
अमेरिका के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा था कि दोनों देश एक व्यापक समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं जो व्यापार समझौते के लंबित मुद्दों और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर अमेरिका की चिंताओं को दूर करेगा।
अमेरिका के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘हम इसे कई टुकड़ों में निपटाने के बजाए एक व्यापक समाधान चाहते हैं। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की संतुष्टि के लिए उच्च स्तर पर ऐसा कोई समझौता होना चाहिए ताकि हमारे पास भारत द्वारा रूसी तेल खरीद को कम करने और
आखिरकार उसे खत्म करने का कोई तरीका हो। तेल का मुद्दा सबसे कठिन है। उसका हल निकलने के बाद अन्य मुद्दों पर बातचीत बहुत मुश्किल नहीं होगा।’
अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता मुख्य तौर पर इसलिए अटक गई थी क्योंकि भारत राजनीतिक तौर पर संवेदनशील कृषि एवं डेरी क्षेत्रों में अमेरिका को निर्बाध बाजार पहुंच देने से इनकार कर रहा है। रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क और 25 फीसदी बराबरी शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले ने द्विपक्षीय संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है।
व्यापार अर्थशास्त्री बिश्वजीत धर ने कहा कि दोनों पक्ष व्यापार समझौते को महत्त्वपूर्ण मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘आगे यह देखना होगा कि भारत से अमेरिका ऐसा क्या हासिल कर सकता है जिससे उसकी व्यापार संभावनाएं बेहतर हो सकें। भारत को ज्यादा परेशान किए बिना उसे कितनी अतिरिक्त बाजार पहुंच हासिल हो सकती है। भारत के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे को भी कम करने की जरूरत है। मगर इसे इस तरह किया जाना चाहिए जिससे दोनों पक्षों को फायदा हो।’
बयान में कहा गया है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने द्विपक्षीय व्यापार मुद्दों पर अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के अलावा दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के प्रमुख कारोबारियों और निवेशकों से भी चर्चा की। गोयल ने विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, वारबर्ग पिंकस के अध्यक्ष चिप काये, अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम के अध्यक्ष एवं सीईओ मुकेश अघी, कार्लाइल ग्रुप के सीईओ हार्वे श्वार्ट्ज, आईबीएम के चेयरमैन एवं सीईओ अरविंद कृष्णा सहित अन्य लोगों के साथ बैठकें कीं।
बयान के अनुसार, ‘कारोबारियों और निवेशकों के साथ बैठकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। कारोबारी नेताओं ने भारत की वृद्धि में विश्वास जताया और यहां अपनी कारोबारी गतिविधियां तेज करने की इच्छा जताई।’