पुनीत गोयनका (एमडी व सीईओ) ने आज एनसीएलटी में शपथपत्र जमा कराया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रतिस्पर्धी मीडिया इकाइयों (जिसका नियंत्रण भारतीय दिग्गज के पास है) के साथ ज़ी के विलय करने के इन्वेस्को का प्रस्ताव न मानने पर वह हमें सबक सिखाना चाहती है। रणनीतिक समूह के साथ विलय के इन्वेस्को के प्रस्ताव से किसी मूल्यांकन रिपोर्ट के अभाव में ज़ी के शेयरधारकों को भारी नुकसान होता। गोयनका ने अदालत को ये बातें बताई है।
भारतीय दिग्गज कंपनी का नाम लिए बिना गोयनका ने कहा कि रणनीतिक समूह के प्रतिनिधियों संग उनकी बातचीत के दौरान उन्हें बताया गया कि अगर वह मूल्यांकन रिपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें सौदा करने में दिलचस्पी नहीं होगी। मुझे बताया गया कि यह सौदा होने से हमारी इज्जत बढ़ जाएगी और मुझे प्रस्तावित विलय वाली इकाई को संचालित करने की पूरी छूट दी जाएगी और किस तरह से मैं उनके साथ मिलकर बाजार की अग्रणी बन सकते हैं। मुझे स्पष्ट तौर पर बताया गया कि इन्वेस्को का प्रस्तावित सौदा पांच दिन के अंदर पूरा हो जाएगा। मुझसे यह भी कहा गया कि इन्वेस्को के साथ बातचीत पहले ही हो चुकी है और ऐसे में मूल्यांकन पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। गोयनका ने यह खुलासा किया है। गोयनका ने शपथपत्र में कहा है, संक्षेप में मुझसे कहा गया कि चूंकि उनकी जेब से कोई रकम नहीं निकलेगी और मेरी स्थिति बनी रहेगी, ऐसे में मैं कोई सवाल न पूछूं और सौदे पर ध्यान केंद्रित करूं।
13 अक्टूबर को इन्वेस्को ने कहा था कि उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ लेनदेन की पहल की थी, जिस पर रिलायंस व गोयनका व ज़ी प्रवर्तक परिवार से जुड़े अन्य लोगों के बीच बातचीत हुई थी।
संपर्क किए जाने पर ज़ी के प्रवक्ता ने मामला विचाराधीन होने का हवाला देते हुए शपथपत्र पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
अदालत को दी गई सूचना के मुताबिक, गोयनका ने इन्वेस्को के प्रस्तावित सौदे पर विस्तार से जानकारी दी है और कहा है कि 3 मार्च 2021 को इन्वेस्को के ए. बलानी और भावतोष वाजपेयी के साथ मुझसे प्रस्तावित सौदे पर रणनीतिक समूह को मिली प्रतिक्रिया पर चर्चा तय हुई थी। इस दौरान बलानी और वाजपेयी ने रणनीतिक समूह की तरफ से दी गई अस्पष्ट प्रतिक्रिया के बारे में बताया, जिसमें मुझे दी गई सूचना व दस्तावेज में जानकारी का अभाव था। हालांकि मुझे बताया गया कि रणनीतिक समूह की तरफ से मूल्यांकन के प्रस्ताव पर इन्वेस्को ने एकपक्षीय तौर पर सहमति जता दी है, वह भी ज़ी के बोर्ड से संपर्क किए बिना और इस सौदे पर और बातचीत की गुंजाइश नहीं है।
गोयनका ने कहा कि सौदे के ढांचे में रणनीतिक समूह की तरफ से नई पूंजी देने की प्रकल्पना की गई थी। गोयनका ने कहा, स्टॉक ऑप्शंस के बदले मैंने कहा कि उसी शर्त पर अतिरिक्त फंड ज़ी में लगा सकता हूं, प्रतिनिधि ने इस सुझाव को खारिज कर दिया।
गोयनका ने कहा, मुझे स्पष्ट तौर पर बताया गया कि अगर वह इन्वेस्को के प्रस्तावित सौदे पर आगे बढऩे में अनिच्छुक हैं तो इन्वेस्को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि यह सौदा उनके शामिल हुए बिना कर दिया जाए।
गोयनका ने कहा कि वाजपेयी ने स्पष्ट तौर पर बताया कि रणनीतिक समूह किसी दस्तावेज तक मेरी पहुंच नहीं होगी, जिसके जरिये रणनीतिक समूह की इकाइयों के मूल्यांकन को लेकर जांच-परख हो सके। जबकि मैंने ऐसे दस्तावेज की बार-बार मांग की।
ज़ी के साथ विलय होने रणनीतिक समूह की इकाई के मूल्यांकन में कम से कम 10,000 करोड़ रुपये का अंतर था और बिना किसी पर्याप्त दस्तावेज के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए थे। साथ ही उनके दावों के पक्ष में कोई दस्तावेज नहीं था।
इस बीच, एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने बुधवार तक के लिए सुनवाई टाल दी ताकि मंगलवार को उच्च न्यायालय में होने वाले फैसले का इंतजार किया जा सके। इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड्स और उसकी सहायक ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था जब ज़ी के बोर्ड ने नोटिस को अवैध करार देते हुए ईजीएम बुलाने की उनकी नोटिस खारिज कर दी थी।