कोविड के कारण बीमाकर्ता ने बढ़ाया प्रावधान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:28 AM IST

कोविड की दूसरी लहर के कारण बीमाकर्ता अपने प्रावधान को बढ़ाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसकी वजह यह है कि दूसरी लहर में पहली लहर के मुकाबले अधिक मौतें हुई हैं और जीवन बीमाकर्ताओं को पहली तिमाही में अधिक दावे मिले हैं। यह वित्त वर्ष के आरंभ में निर्धारित रखी गई रकम से अधिक है।
वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल से जून तिमाही में बीमाकर्ताओं ने कोविड के कारण मृत्यु दावों में भारी उछाल देखी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहली तिमाही में कोविड से संबंधित मृत्यु दावों की संख्या समूचे वित्त वर्ष 2021 में मिले कोविड संबंधी मृत्यु दावों की संचयी संख्या से अधिक है।
उन्होंने कहा कि समग्र दावों का बोझ भी कोविड दावों की बढ़ती संख्या के कारण बढ़ गया है।      
निजी क्षेत्र के दो सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और एचडीएफसी लाइफ ने पहली तिमाही के आंकड़े जारी किए हैं। इन दोनों बीमाकर्ताओं ने अगले तीन महीनों में कोविड संबंधी मृत्यु दावे अधिक रहने का अनुमान लगाकर और अधिक प्रावधान निर्धारित किए हैं।
एचडीएफसी लाइफ ने अतिरिक्त दावों के निपटारे के लिए 700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष स्थापित की है। इसी तरह से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने अप्रैल-जून तिमाही के अंत में अपने प्रावधानों को बढ़कार 500 करोड़ रुपये कर दिया जबकि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के बाद उसने इसके लिए 332 करोड़ रुपये रखा था।
एचडीएफसी लाइफ के मुताबिक बीती तिमाही में उसे मृत्यु दावों में भारी उछाल नजर आई। दूसरी लहर में मिलने वाले चोटी के दावों की संख्या पहली लहर में मिलने वाले चोटी के दावों की संख्या से करीब 3 से 4 गुना अधिक रही। कंपनी ने कहा, ‘हमने पहली तिमाही में 70,000 दावों से अधिक का भुगतान किया। सकल और शुद्घ दावों की राशि क्रमश: 1,598 करोड़ रुपये और 956 करोड़ रुपये रही।’  
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में कोविड संबंधी मृत्यु दावों के तौर पर करीब 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह रकम कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 2021 में कोविड संबंधी मृत्यु दावों के लिए किए गए भुगतान से 2.5 गुना अधिक है।    
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) सत्यन जंबूनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के लिए कोविड-19 से संबंधित मिलने वाले दावे करीब 500 करोड़ रुपये के रहे। परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए हमने सोचा कि प्रावधान रकम को संशोधित कर 500 करोड़ रुपये करना सही होगा। हमारा मानना है कि कोविड-19 से संबंधित दावे जब तक 1,000 करोड़ रुपये की सीमा में रहेंगे हम इसे झेलने के लिए तैयार हैं। पहली तिमाही में मिलने वाले 500 करोड़ के दावे पिछले वित्त वर्ष में मिले दावों की तुलना में करीब 5 गुना अधिक है। परिस्थितियों को देखते हुए दावों के आने में देरी होती है। इसलिए कोविड-19 संबंधी दावों के लिए प्रावधानों से ऊपर हम 380 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान लेकर चल रहे हैं जो कि महमारी से संबंधित दावों को छोड़कर देरी से आने वाले दावों के लिए है।’ 

First Published : July 22, 2021 | 11:47 PM IST