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ऑडिटिंग में टेक्नोलॉजी जरूरी, नहीं तो गड़बड़ पकड़ना मुश्किल: NFRA चेयरमैन पांडे

BS Manthan 2025 में NFRA चेयरमैन अजय भूषण पांडे ने बताया कि कैसे टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स से ऑडिटिंग पारदर्शी और सटीक बनाई जा सकती है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 27, 2025 | 8:25 PM IST

BS Manthan 2025 में नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) के चेयरमैन अजय भूषण पांडे ने एक दिलचस्प बात कही। उन्होंने ऑडिटिंग में टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स की अहमियत समझाते हुए कहा,”सोचिए, NFRA के तहत 7,000 कंपनियां आती हैं। क्या हमें इन सबका ऑडिट करना होगा? क्या हमें ऑडिट करने वालों का भी ऑडिट करना होगा? नहीं! इसका हल है – टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स। इससे हम गड़बड़ियों को जल्दी पकड़ सकते हैं।”

कम से कम सज़ा देनी पड़े, ऐसा सिस्टम हो

NFRA की अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर पांडे का कहना है कि उनका मकसद ज़्यादा से ज़्यादा सज़ा देना नहीं, बल्कि सुधार लाना है। उन्होंने कहा, “आदर्श स्थिति तो वो होगी जहां हमें कम से कम अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़े। हम सिर्फ़ सज़ा देने के लिए नहीं बैठे, बल्कि सुधार लाने के लिए हैं।”

NFRA की कार्रवाई में देरी क्यों?

कुछ मामलों में कार्रवाई में देरी होने पर उन्होंने कहा, “देखिए, NFRA 2018 में बनी थी। पहले हमें सही लोग ढूंढने थे, फिर कोविड आ गया, तो कुछ वक्त लग गया। लेकिन 2022 से हम फुल स्पीड पर हैं और तेज़ी से फैसले ले रहे हैं।”

ESG स्टैंडर्ड पर अभी बहस जारी

आजकल कंपनियां ESG (पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन) नियमों को अपनाना चाहती हैं, लेकिन पांडे ने बताया कि अभी कोई एक तय ग्लोबल स्टैंडर्ड नहीं है। उन्होंने कहा, “कंपनियां ESG के अनुरूप होना चाहती हैं, लेकिन अगर एक सामान्य मानक ही नहीं है, तो तुलना कैसे करेंगे? इस पर दुनिया भर में चर्चा चल रही है। जब भी कोई मानक तय होगा, हमें उसे अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।”

टेक्नोलॉजी से ऑडिटिंग में क्रांति संभव

पांडे ने उदाहरण देते हुए बताया कि आयकर रिटर्न के 7 करोड़ फाइल किए जाते हैं, लेकिन जांच सिर्फ 2 लाख की होती है। फिर भी सिस्टम काम कर रहा है, क्योंकि टेक्नोलॉजी इसमें मदद कर रही है। उन्होंने कहा, “ऑडिटिंग और अकाउंटिंग में भी अगर सही टेक्नोलॉजी लगाई जाए, तो हम तेज़, पारदर्शी और सटीक ऑडिट कर सकते हैं!”

हमने एक फर्म का निरीक्षण किया, 100 सुधर गईं

NFRA ने ऑडिट फर्मों की जांच शुरू की है और इसका असर दिखने लगा है। उन्होंने कहा, “हमने एक फर्म का निरीक्षण किया, और असर ये हुआ कि 100 फर्मों में सुधार दिखने लगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ओवर-रेगुलेशन (अत्यधिक नियम-कानून) को कम करने पर विचार कर रही है।

ऑडिटिंग पहले से बेहतर हुई है

उन्होंने कहा, “अगर बीते कुछ सालों की ऑडिटिंग से आज की ऑडिटिंग की तुलना करें, तो काफी सुधार आया है। ऑडिटिंग फर्मों ने शानदार काम किया है। हम स्पष्ट सुधार देख सकते हैं और ये एक अच्छा संकेत है।”

GDP 9% बढ़ानी है? पहले वित्तीय रिपोर्टिंग दुरुस्त करनी होगी

भारत को विकसित देश (Viksit Bharat) बनाने के लिए पांडे ने 9% GDP ग्रोथ की ज़रूरत बताई। लेकिन उन्होंने एक बड़ा सवाल उठाया – “अगर हमारी वित्तीय रिपोर्टिंग और ऑडिटिंग कमजोर होगी, तो कोई हमारे आंकड़ों पर भरोसा कैसे करेगा? निवेश चाहिए तो हमें पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करनी होगी।”

ऑडिटिंग सिर्फ़ कागज़ी काम नहीं, ये जनता की भलाई से जुड़ा है

उन्होंने बताया कि ऑडिटिंग में जनता की गहरी रुचि होती है, क्योंकि इससे उनकी गाढ़ी कमाई का जुड़ाव होता है। अमेरिका में एक केस में लोगों ने पूछा – ‘ऑडिटर का ऑडिट कौन करेगा?’ यही वजह थी कि NFRA की स्थापना की गई।

First Published : February 27, 2025 | 8:25 PM IST