प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रमुख सचिव पीके मिश्र ने आज कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और इसके तहत आने वाले अनुसंधान संस्थानों में सुधार की जरूरत है ताकि उनके परिणामों में सुधार किया जा सके और संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सके।
मिश्र ने बेहतर फसल उत्पादन के लिए हाईब्रिड तकनीक विषय पर ट्रस्ट फॉर एग्रीकल्चर साइंसेज (टीएएएस) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि आईसीएआर में सुधारों की जरूरत है, तभी इसके मानव और अन्य संसाधनों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल हो पाएगा। इससे पूर्व टीएएएस के संस्थापक चेयरमैन डॉ. आरएस परोदा ने पीपीपी के तहत धन मुहैया कराने के साथ संकर प्रजातियों पर राष्ट्रीय अभियान चलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि शोध व विकास के लिए अधिक वित्तीय मदद की जरूरत है। उन्होंने जीन संवर्धित फसलों के लिए स्पष्ट नीति और बीज उद्योग के लिए कर छूट जैसे प्रोत्साहन देने की मांग की।
भारत को दलहन और तिलहन में उत्पादन की कमी से निपटने के लिए संकर तकनीक को तेजी से अपनाने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने खेती में इन बेहतर तकनीकों को अपनाने में किसानों को आने वाली दिक्कतों को भी स्वीकार किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संकर किस्मों की फसलों जैसे तूर दाल में शानदार परिणाम होने के बावजूद किसानों ने व्यापक रूप से इन्हें स्वीकार नहीं किया है। सरसों की कुछ संकर किस्म के बीज बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन खुले परागण किस्मों की तुलना में उनका प्रदर्शन कैसा है इसकी जांच किए जाने की आवश्यकता है।