उद्योग

नैसकॉम ने सरकार के सीमा पार डेटा हस्तांतरण प्रतिबंध प्रस्ताव का किया विरोध

आईटी और स्टार्टअप कंपनियों पर बढ़ेगा बोझ, अन्य उद्योग निकायों ने भी जताई चिंता

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आशीष आर्यन   
Last Updated- March 07, 2025 | 11:35 PM IST

उद्योग निकाय नैसकॉम ने सीमा पार डेटा हस्तांतरण को प्रतिबंधित करने की सरकार की योजना का विरोध किया है और कहा है कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स (डीपीडीपी) के मसौदे से जुड़ा प्रस्ताव ‘अंतरराष्ट्रीय डेटा हस्तांतरण पर अनचाही अनिश्चितता’ बढ़ा सकता है।

नैसकॉम ने कहा, ‘इसके अलावा, व्यक्तिगत डेटा की प्रोसेसिंग के लिए मजबूत अतिरिक्त सुरक्षा के बारे में इस तरह के प्रतिबंध की क्षमता संदिग्ध है।’ इस वर्ष जनवरी में जारी डीपीडीपी नियमों के मसौदे में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बड़ी डेटा प्रबंधकों पर कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारियां डाली गई थीं।

नैसकॉम के अलावा, अन्य उद्योग और नीति समर्थक निकायों – इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ), ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) और कंज्यूमर यूनिटी ऐंड ट्रस्ट सोसाइटी (सीयूटीएस) इंटरनैशनल ने भी इन नियमों के मसौदे पर अपने विचार पेश किए हैं।

आईएएमएआई ने अपने सुझाव में कहा है कि मौजूदा स्वरूप में प्रस्तावित मसौदा नियमों से स्टार्टअप और छोटे इंटरनेट तथा डेटा संग्राहकों पर अनुपालन का भारी बोझ पड़ने की संभावना है जबकि बड़ी कंपनियों के पास समर्पित कानूनी और आईटी टीमें हैं, जो ऐसी जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से बेहतर स्थिति में हैं।

नियमों के तहत सीमा पार डेटा हस्तांतरण पर रोक लगाने के सरकारी प्रस्ताव का विरोध करते हुए एआईजीएफ ने तर्क दिया है कि चूंकि कंपनियां और डेटा संग्राहक डेटा को संग्रहीत और संसाधित करने के लिए क्लाउड-आधारित बुनियादी ढांचे का उपयोग करती हैं, इसलिए सरकार को स्पष्ट रूप से ‘प्रतिबंधों का दायरा’ तय करना चाहिए जिसके भीतर बड़ी डेटा संग्राहकों को नियमों का पालन करने के लिए कहा जा सके। उद्योग निकाय सीयूटीएस का भी कहना है कि नियम का प्रस्ताव डीपीडीपी अधिनियम से अलग है, जो स्पष्ट रूप से डेटा स्थानीयकरण को अनिवार्य नहीं बनाता है।

First Published : March 7, 2025 | 11:35 PM IST