उद्योग

लाइव इवेंट्स से देश में आएंगी 1.2 करोड़ नई नौकरियां, 2030 तक हर साल होंगे 100 से ज्यादा कॉन्सर्ट

2030-32 तक भारत के लाइव इवेंट्स और कॉन्सर्ट सेक्टर में हर साल 100 से ज्यादा बड़े इवेंट होंगे, जो 1.2 करोड़ अस्थायी नौकरियां और हजारों रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।

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ऋषभ राज   
Last Updated- July 24, 2025 | 5:34 PM IST

भारत में लाइव इवेंट और कॉन्सर्ट का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। ग्लोबल टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस कंपनी NLB सर्विसेज के मुताबिक, 2030-2032 तक इस सेक्टर में करीब 1.2 करोड़ अस्थायी नौकरियां आएंगी। कंपनी के CEO सचिन अलुग ने बताया कि कॉन्सर्ट इकोनॉमी न सिर्फ सांस्कृतिक बदलाव ला रही है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था और रोजगार का भी बड़ा जरिया बन रही है। हर साल देश में 100 से ज्यादा बड़े कॉन्सर्ट होने की उम्मीद है, जो कई सेक्टर्स में रोजगार के मौके बढ़ाएंगे।

इस तेजी से बढ़ते बाजार में प्रोडक्शन, लॉजिस्टिक्स, सिक्योरिटी, हॉस्पिटैलिटी और डिजिटल मीडिया जैसे सेक्टर्स में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है। अलुग के अनुसार, एक कॉन्सर्ट में 15,000 से 20,000 अस्थायी नौकरियां आती हैं। इनमें वेन्यू मैनेजमेंट, क्राउड कंट्रोल, फूड एंड बेवरेज सर्विसेज, स्टेज सेटअप, डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन और आर्टिस्ट मैनेजमेंट आदि जैसे काम शामिल होते हैं।

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टियर II और III शहर बन रहे नए हॉटस्पॉट

मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहर अब तक बड़े कॉन्सर्ट्स के केंद्र रहे हैं, लेकिन अब टियर II और III शहरों में भी यह ट्रेंड तेजी से आगे बढ़ रहा है। शिलॉन्ग, गुवाहाटी, पुणे, जयपुर, कोच्चि, लखनऊ, इंदौर और चंडीगढ़ जैसे शहर हाई-एनर्जी लाइव इवेंट्स के लिए नए हॉटस्पॉट बन रहे हैं। इन शहरों में बढ़ते कॉन्सर्ट्स न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि वहां के लोगों को भी रोजगार के नए अवसर दे रहे हैं।

इसके अलावा, कॉन्सर्ट इकोनॉमी का असर ट्रैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और फूड सेक्टर पर भी पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, 2024 में अहमदाबाद में हुए कोल्डप्ले के कॉन्सर्ट ने स्थानीय अर्थव्यवस्था में 641 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जिसमें 72 करोड़ रुपये GST  रेवेन्यू के रूप में आए। इस दौरान फ्लाइट डिमांड में 300-350 फीसदी की उछाल आई, ट्रेन बुकिंग में 8 फीसदी का इजाफा हुआ और होटल के किराए आसमान छू गए। कुछ होटलों में एक रात का किराया 90,000 रुपये तक पहुंच गया। स्थानीय रेस्तरां और डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को भी जबरदस्त फायदा हुआ।

कॉन्सर्ट्स का यह बूम सिर्फ अस्थायी नौकरियों तक सीमित नहीं है। अलुग ने बताया कि 10-15 फीसदी अस्थायी नौकरियां ऑडियो इंजीनियरिंग, डिजिटल स्ट्रैटेजी, इवेंट टेक्नोलॉजी और प्रोडक्शन मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में स्थायी रोजगार में बदल रही हैं। बार-बार होने वाले इवेंट्स, पोर्टफोलियो डेवलपमेंट और अपस्किलिंग की मदद से फ्रीलांस और गिग वर्कर्स को लंबे समय के लिए काम मिल रहा है। अगले कुछ सालों में 100 से ज्यादा कॉन्सर्ट्स के साथ यह सेक्टर 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान देगा, जिसमें टिकटिंग, हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म के साथ-साथ स्थानीय रोजगार और छोटे-मझोले उद्यमों का बड़ा हिस्सा होगा।

First Published : July 24, 2025 | 5:32 PM IST