भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष और जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) के चेयरमैन नवीन जिंदल | फाइल फोटो
भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष और जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) के चेयरमैन नवीन जिंदल ने आज कहा है कि मॉनसून के कारण सितंबर तक भारत में इस्पात की मांग कमजोर रहेगी। मगर मांग में अक्टूबर से तेजी से उछाल आने की उम्मीद है।
भारतीय इस्पात संघ के तीसरे कोकिंग कोल सम्मेलन के दौरान आज जिंदल ने कहा, ‘देश के अधिकतर हिस्सों में अभी बारिश हो रही है। कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। सितंबर के अंत तक स्थिति ऐसी ही रहती है, जिससे मांग कम हो जाती है। अगले महीने यानी अक्टूबर से स्थिति सामान्य हो जाएगी।’ उन्होंने कहा कि आम तौर पर इस्पात की 55 से 60 फीसदी खपत साल की दूसरी छमाही में ही होती है।
मांग अभी कमजोर है मगर जिंदल को उम्मीद है कि 2025-26 में मांग दो अंकों में बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘मांग पक्के तौर पर दो अंकों में बढ़ेगी।’ उन्होंने कहा कि निर्माण गतिविधियों में तेजी आने के कारण हर बार अक्टूबर से अप्रैल के बीच इस्पात की मांग बढ़ती है।
जिंदल ने मेटलर्जिकल कोल के आयात के लिए सरकार की कोटा वाली प्रणाली की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘यह अपने आप में लाइसेंस कोटा परमिट राज है। मान लीजिए एक देश 400 डॉलर में बेचता है और दूसरा देश 250 डॉलर में बेच रहा है तो मुझे महंगे देश से खरीदने के लिए क्यों मजबूर किया जाए। ऐसे तरीकों से उद्योग का कोई फायदा नहीं होगा।’
कच्चे माल पर जिंदल ने कहा कि लौह अयस्क खदानों की नीलामी एक-एक करके की जाती है तो कंपनियों को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने कहा, ‘अगर कई खदानोंकी नीलामी एक साथ की जाए तो इस्पात निर्माताओं को अपने आप राहत मिल जाएगी। सभी के लिए पर्याप्त खदानें होंगी और कीमत भी कम चुकानी पड़ेगी।’