केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी – ‘भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) के लिए नीतिगत दिशानिर्देश सितंबर के आखिर तक आने की उम्मीद है। इसमें भारत में निवेश प्रतिबद्धताओं से जुड़ी आयातित कारों पर कम सीमा शुल्क के प्रावधान शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
योजना पर काम करने वाले सरकारी अधिकारियों के अनुसार मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के लिए आवेदन जमा करने का पोर्टल ये दिशानिर्देश जारी होने के बाद ही खुलेगा। एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘वर्तमान में हम इन दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे रहे हैं। इसमें लगभग दो महीने लगेंगे।’
एसपीएमईपीसीआई में आवेदन प्राप्त करने के लिए योजना की अधिसूचना की तारीख से 120 दिन या उससे अधिक का समय मिलेगा। इस योजना की अधिसूचना 15 मार्च, 2024 को जारी की गई थी। योजना की अधिसूचना में कहा गया है ‘इस योजना की अधिसूचना के 120 दिन (या अधिक) के भीतर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।’
इस योजना के शुरुआत के दौरान सरकार ने 15 जुलाई तक या 120 दिनों के भीतर दिशानिर्देश जारी करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि अधिकारियों ने दिशानिर्देश में देरी के लिए आम चुनाव और बजट तैयारियों के कारण उपजे व्यवधान को कारण बताया है। एक अधिकारी ने बताया ‘चुनाव और बजट की तैयारियों के कारण कुछ देर हुई, लेकिन यह कोई मसला नहीं है क्योंकि नीतिगत दिशानिर्देशों की कोई अंतिम समय-सीमा नहीं है।’
जहां सरकार इस देर के लिए चुनाव और बजट संबंधी गतिविधियों को वजह बता रही है, वहीं उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के प्रति वाहन विनिर्माताओं की उदासीन प्रतिक्रिया के कारण ऐसा है। नाम उजागर न करने की शर्त पर उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, ‘टेस्ला द्वारा सरकार को नजरअंदाज करना इस देरी का कारण है। सरकार ईलोन मस्क से हामी मिलने के बाद ही दिशानिर्देश जारी करेगी।’