उद्योग

क्वालिटी स्टैंडर्ड बेहतर करने की जरूरत: गोयल

भारत में गुणवत्ता सुधार, औद्योगिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और सरकार के सहयोग पर जोर

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श्रेया नंदी   
Last Updated- November 21, 2024 | 10:09 PM IST

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि देश में गुणवत्ता मानदंड को बेहतर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग से अनुरोध किया कि वे अपनी तकनीकी समितियों की क्षमताओं का उपयोग करें और गुणवत्ता मानदंड सुनिश्चित करने के लिए प्रतिनिधियों की नियुक्ति करें।

गोयल ने भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) की 97वीं वार्षिक आम बैठक और सालाना कन्वेंशन में कहा, ‘भारत भरोसेमंद साझेदार ही नहीं होगा बल्कि वह गुणवत्ता वाले सामान भी मुहैया करवाता है। यह हमारे विकसित भारत की यात्रा के लिए मजबूत गठजोड़ होगा।’ मंत्री ने उद्योग के दिग्गजों से अनुरोध किया कि वे अनुपालन का बोझ कम करने और व्यापार के लिए हानिकारक कानूनों को हटाने के लिए सरकार के साथ सक्रिय रूप से कार्य करें।

इससे देश में कारोबार की स्थितियां बेहतर होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने नए संचालित अनुसंधान नैशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) के तहत 1 करोड़ रुपये आबंटित किया था और इसका इस्तेमाल देश में नवोन्मेष और अनुसंधान आधारित पारिस्थितिकीतंत्र विकसित करने के लिए किया जाना चाहिए।

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने कहा कि सरकार मझोले शहरों और छोटे शहरों में अधिक औद्योगिक पार्क स्थापित करने की सुविधा मुहैया कराएगी। इस संबंध में रूपरेखा इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा। भाटिया ने बताया, ‘हम 11 औद्योगिक गलियारों को अधिसूचित कर चुके हैं। हमने केंद्र (सरकार) के स्तर पर 20 स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप की योजना पेश कर चुके हैं।

इसके अलावा कई क्षेत्रवार पार्क की योजना भी बनाई गई है। हमारी मझोले और छोटे शहरों में अधिक औद्योगिक पार्क की सुविधा की योजना है। हमने उद्योग के साथ परामर्श किया है।’सचिव ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने 14 क्षेत्रों में 1.46 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है। इन निवेशों के बलबूते महत्त्वपूर्ण तकनीक हासिल हुई है। इस योजना के परिणामस्वरूप 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य हासिल किया है। भारत में 1.97 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का उद्देश्य देश का विनिर्माण का अहम केंद्र बनाना है।

भारत विश्व में विनिर्माण का केंद्र बनने से स्थानीय स्तर पर तैयार उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, सस्ते आयात पर अंकुश लगेगा और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। पीएलआई योजना 14 क्षेत्रों में लागू की गई है। इन क्षेत्रों में मोबाइल, ड्रोन, दूरसंचार, वस्त्र, वाहन, टिकाऊ वस्तुएं, औषधि शामिल हैं।

सचिव ने उद्योग से भारत की उदार प्रत्यक्ष निवेश नीति का लाभ उठाते हुए तकनीक और मार्केट से समन्वय स्थापित करने का अनुरोध किया। भाटिया ने कहा कि जहां तक स्टॉर्ट अप इंडिया कार्यक्रम की बात है तो अभी तक 1.53 लाख पंजीकृत स्टॉर्टअप हैं। उन्होंने कहा, ‘हम डीप टेक पर आधारित स्टॉर्ट अप को दीर्घावधि जरूरतों के अनुसार बढ़ावा दे रहे हैं। हमें आशा है कि स्टॉर्ट अप बजट में आबंटित अनुसंधान कोष का लाभ उठाने में समर्थ होंगे।’

First Published : November 21, 2024 | 10:09 PM IST