भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) ने सरकार ने उत्पादन से जुड़ी दूसरी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का चरण दो शुरू करने का अनुरोध किया है। इसमें विशेष तौर पर बिजली चालित वाहन (ईवी) के स्टॉर्टअप और छोटे उद्योगों के लिए इंतजाम हों। फिक्की ने यह भी सिफारिश की है कि उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए शुल्क और कर संरचना की समीक्षा की जाए और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा दिया जाए।
बिजली चालित वाहनों पर फिक्की की समिति के प्रमुख एवं काइनेटिक ग्रीन ऐंड पॉवर सोल्यूशन के सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने फिक्की की 97वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वृद्धि, नवोन्मेष और निर्यात सहित उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए शुल्क और कर संरचना की समीक्षा किए जाने की जरूरत है।
मोटवानी ने कहा, ‘पीएलआई को सफलतापूर्वक लागू किया गया है लेकिन यह कुछ बड़े संगठनों की जरूरतों को व्यापक रूप से पूरा करता है। ग्रेडिड पीएलआई 2.0 से समग्र विकास को बढ़ावा मिल सकता है। इससे स्टॉर्टअप और छोटी कंपनियों को मदद मिलेगी। इससे नवोन्मेष, प्रतिस्पर्धा और निर्यात को बढ़ावा मिलने के साथ ‘मेक इन डंडिया’ पहल मजबूती से आगे बढ़ेगी।’