केंद्र सरकार उर्वरक और कोविड टीके के प्रमाणपत्र के बाद अपनी प्रमुख इलेक्ट्रिक मोबिल्टी योजनाओं के तहत बेचे जाने वाले इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर अपनी ब्रांडिंग की योजना बना रही है। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सब्सिडी योजना के तहत बेचे जाने वाले किसी भी ईवी वाहन पर मंत्रालय के लोगो के साथ ग्राहक की फोटो वाला प्रमाणपत्र जारी करने की योजना का खाका तैयार कर रही है।
इस क्रम में केंद्र जाने अपने ग्राहक को (केवाईसी) अनिवार्य भी कर सकती है। इसमें ग्राहक को सरकारी पोर्टल पर अपने वाहन के साथ सेल्फी (फोटो) अपलोड करने के साथ आधार का प्रमाणन करना पड़ सकता है। इसके बाद ही ईवी का पंजीकरण हो पाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अखबार को बताया कि इस कदम का ध्येय ग्राहकों तक सरकारी सब्सिडी जारी होने का संदेश पहुंचाना है।
अधिकारियों के अनुसार ‘सरकार सब्सिडी दे रही है, न कि कंपनी कोई छूट दे रही है।’ दरअसल मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) यह पेश कर रहे हैं कि यह कंपनी ने छूट मुहैया करवाई है और इससे ग्राहकों को केंद्र सरकार की पहल की जानकारी नहीं मिल पा रही है। अधिकारियों के अनुसार सरकार ने इस चिंताजनक स्थिति के कारण कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हाल में हुई इस बैठक में चर्चा हुई थी। इसमें यह चर्चा हुई थी कि दो पहिया, तीन पहिया और ई कार खरीदने वाले ग्राहकों को ईवी पर सरकारी सब्सिडी मिलने की जानकारी नहीं थी। ओईएम ऐसा प्रदर्शित कर रहे हैं कि वे कम दामों पर वाहन मुहैया करवा रहे हैं और सरकार से सब्सिडी मिलने की जानकारी को उजागर नहीं कर रहे हैं।
हालांकि ई दो पहिया और ई तिपहिया पर फेम-2 का कोई स्टीकर भी नहीं होता है जबकि इसके विपरीत ई बसों पर योजना फेम-2 का स्टीकर लगा होता है। ई दुपहिया और ई तिपहिया वाहन सरकार की कोई ब्रांडिंग भी नहीं करते हैं और वाहन के दाम कम होने के स्रोत को भी छुपाते हैं।
इस मामले के जानकार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अभी तक ओईएम ग्राहकों को वाहन कम दाम पर मुहैया कराने को छूट के रूप में पेश कर रहे हैं। इस कदम से सरकारी योजना को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी।’ इस बारे में भारी वाहन मंत्रालय को सवाल भेजे गए थे लेकिन खबर छपने तक कोई जवाब नहीं मिला।
उपभोक्ता को वाहन का पंजीकरण हासिल करने के लिए मंत्रालय की वेबसाइट या बाद में लॉन्च किए जाने वाले पोर्टल पर आधार आधारित पंजीकरण को पूरा करना होगा। इस प्रमाणपत्र पर मंत्रालय और योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध होगी।
मंत्रालय की योजना ओईएम के साथ बैठक करनी है ताकि उन्हें होने वाले बदलाव के बारे में बताया जा सके। इसके अलावा ग्राहकों के वाहनों के पंजीकरण और वाउचर के लिए डीलर की मदद लेना है। ग्राहक को प्रमाणपत्र हासिल करने के बाद वाहन के साथ फोटो खींचनी होगी और फिर पंजीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में इस फोटो मंत्रालय के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इस कदम से यह प्रमाण मिलेगा कि ग्राहकों को लाभ मिला है। वाउचर का पंजीकरण ग्राहक की उपस्थिति या ग्राहक स्वयं करेगा।
अन्य अधिकारी ने बताया, ‘ग्राहक के वाहन के साथ फोटो खींचने के बाद ही वाहन की पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी। इस कदम से यह सुनिश्चित हो पाएगा कि ग्राहकों को वास्तविकता में वाहन प्राप्त हुआ है और वाउचर का पंजीकरण ग्राहक स्वयं करेगा या उसकी उपस्थिति में किया जाएगा।’