उद्योग

‘मेक इन इंडिया’ को बड़ी ताकत! केंद्र ने शुरू की ₹22,919 करोड़ की इलेक्ट्रॉनिक्स स्कीम

लॉन्च कार्यक्रम के दौरान अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को मजबूत बनाने के लिए सरकार की रणनीति को चरणबद्ध तरीके से समझाया।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- April 27, 2025 | 9:03 AM IST

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार (26 अप्रैल) को इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के दिशा-निर्देश और पोर्टल लॉन्च किए। इस योजना के लिए कुल बजट 22,919 करोड़ रुपये रखा गया है और इसका कार्यकाल छह वर्षों का होगा (वित्त वर्ष 2025-26 से 2031-32 तक), जिसमें एक वर्ष का गेस्टेशन पीरियड भी शामिल है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MeitY) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस योजना का मकसद देश में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के निर्माण को बढ़ावा देना, बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना और भारतीय कंपनियों को वैश्विक वैल्यू चेन से जोड़ना है।

लॉन्च कार्यक्रम के दौरान अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को मजबूत बनाने के लिए सरकार की रणनीति को चरणबद्ध तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत ने तैयार उत्पादों (Finished Goods) की असेंबली पर ध्यान केंद्रित किया ताकि बड़े पैमाने पर उत्पादन का आत्मविश्वास हासिल किया जा सके। इसके बाद मॉड्यूल निर्माण, कंपोनेंट निर्माण और अब मटीरियल प्रोडक्शन की दिशा में प्रगति की गई है।

वैष्णव ने बताया, “फिनिश्ड गुड्स के वैल्यू चेन में 80 से 85 प्रतिशत योगदान होता है। इस क्षेत्र में भारत ने अब तक ‘अद्भुत’ स्केल हासिल किया है।”

देश में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने बीते एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पांच गुना बढ़ा है, जबकि निर्यात में छह गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि निर्यात का चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (CAGR) 20 प्रतिशत से अधिक रही है, वहीं उत्पादन का CAGR 17 प्रतिशत से ज्यादा रहा है।

वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फोन, सर्वर, लैपटॉप और आईटी हार्डवेयर जैसे बड़े सेगमेंट्स ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है, जिससे भारत को भविष्य में और बड़ी सफलता हासिल करने की मजबूत स्थिति मिल रही है।

ECMS: अलग-अलग सेक्टर्स में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को नई रफ्तार

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेंट्स एंड सिस्टम्स (ECMS) योजना सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि औद्योगिक, पावर और ऑटोमोटिव सेक्टर्स को भी मजबूती देगी। उन्होंने बताया कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का एक मजबूत इकोसिस्टम अब तेजी से विकसित हो रहा है।

वैष्णव ने इनोवेशन और क्वालिटी पर जोर देते हुए कंपनियों से अपनी खुद की डिजाइन क्षमताएं विकसित करने और सिक्स सिग्मा स्तर तक गुणवत्ता सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो कंपनियां तय गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी, उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य भारतीय मैन्युफैक्चरिंग को वैश्विक स्तर पर गुणवत्ता और मात्रा दोनों में प्रतिस्पर्धी बनाना है।

मंत्री ने यह भी बताया कि भारत अब डेटा-आधारित तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उनके अनुसार, AI कोश पर अब तक 350 डाटासेट अपलोड किए जा चुके हैं और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) द्वारा विकसित चार AI टूल्स जल्द लॉन्च किए जाएंगे। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को और तेज़ी से बढ़ाने के लिए टेक्नो-लीगल फ्रेमवर्क भी तैयार किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान एक बड़ी घोषणा भी हुई। भारत के पहले देशी AI फाउंडेशनल मॉडल को बनाने के लिए ‘सर्वम AI’ का चयन किया गया है, जिसे देश की AI क्षमताओं के विकास में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

मजबूत इंडस्ट्री-सरकार साझेदारी की झलक, ECMS स्कीम का लॉन्च

भारत के कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ने भाग लिया। इसमें भारत सरकार, विभिन्न राज्य सरकारों, दूतावासों के प्रतिनिधियों, उद्योग जगत के नेताओं, वित्तीय संस्थानों, कंसल्टिंग कंपनियों और मीडिया संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस व्यापक भागीदारी ने भारत की कंपोनेंट निर्माण महत्वाकांक्षाओं के प्रति घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी रुचि को दर्शाया।

कार्यक्रम में ECMS (Electronics Components Manufacturing Scheme) की विशेषताओं को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि पहली बार हाइब्रिड इंसेंटिव्स की पेशकश की जाएगी, जो सीधे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास से जुड़ी होंगी। यह योजना केवल कंपोनेंट्स और सब-असेम्बलीज तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाले कैपिटल इक्विपमेंट और मशीनरी को भी प्रोत्साहन देगी, जिससे संपूर्ण सप्लाई बेस मजबूत होगा।

ECMS को “फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व” आधार पर संचालित किया जाएगा ताकि कार्यकुशलता और समयबद्धता को बढ़ावा मिल सके। इसके दिशा-निर्देशों को सरल, पारदर्शी और उद्योग-अनुकूल बनाया गया है, जिससे अनुपालन आसान हो और प्रतिस्पर्धी लेकिन सुगम माहौल तैयार हो।

कार्यक्रम में उद्योग नेताओं ने पहले लागू की गई MeitY (Ministry of Electronics and Information Technology) की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम्स की सफल और समयबद्ध क्रियान्वयन की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि समय पर इंसेंटिव मिलने से उद्योग में भरोसा मजबूत हुआ है।

कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य सभी उपस्थित लोगों ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक मिनट का मौन रखा।

First Published : April 27, 2025 | 9:03 AM IST