केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफार्मों के लिए जारी की गई हालिया सलाह के संबंध में सोमवार को स्पष्टता प्रदान की और कहा कि यह सलाह केवल बड़े प्लेटफार्मों पर ही लागू होती है और यह स्टार्टअप के लिए नहीं है।
मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इलेक्ट्रिॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के हालिया परामर्श को समझने की जरूरत है। जो परामर्श जारी किए गए हैं, वे बड़े मंचों के लिए है। मंत्रालय से अनुमति की बात केवल बड़े मंचों के लिए है और यह बात स्टार्टअप पर लागू नहीं होगी। परामर्श का उद्देश्य बिना परीक्षण वाले AI मंचों को भारतीय इंटरनेट पर उपयोग करने से रोकना है।
उन्होंने कहा कि अनुमति लेने की प्रक्रिया, लेबलिंग और परीक्षण के दौर से गुजर रहे प्लेटफॉर्मों के बारे में उपयोगकर्ता के लिए खुलासा प्लेटफॉर्मों के लिए बीमा पॉलिसी है। ऐसा नहीं होने पर उपभोक्ता मुकदमा दायर कर सकता है। भारत के इंटरनेट की सुरक्षा और भरोसा सरकार, उपयोगकर्ताओं और मंचों के लिए एक साझी जिम्मेदारी और लक्ष्य है।
कुछ दिन पहले मंत्रालय ने सोशल मीडिया मध्यस्थों और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफार्मों को एक परामर्श जारी किया गया था, जिसमें उन्हें देश में AI उत्पाद पेश करने से पहले अनुमति लेने के लिए कहा गया था।
इस परामर्श में कहा गया है कि जो कंपनियां अविश्वसनीय या कम परीक्षण वाले AI प्लेटफॉर्म की मेजबानी कर रही हैं तथा परीक्षण के लिए इंटरनेट पर सैंडबॉक्स बनाना चाहती हैं, उन्हें सरकार से अनुमति लेनी होगी तथा उस प्लेटफॉर्म पर ‘परीक्षणरत’ का लेबल लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा मंत्रालय ने प्लेटफार्मों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि उनके AI मॉडल या प्लेटफार्मों से उत्पन्न होने वाले पूर्वाग्रह भारत में चुनावी प्रक्रिया में बाधा न डालें। जहां तक गैरकानूनी सामग्री की बात है, तो सार्वजनिक इंटरनेट को सैंडबॉक्स के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भारत के इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखने के लिए इसे कानून द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
सभी संबंधित प्लेटफार्मों को इस परामर्श के 15 दिनों के भीतर मंत्रालय को कार्रवाई और स्थिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। इस परामर्श के संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि गूगल जेमिनी और ओला कृत्रिम सहित देश के सभी AI प्लेटफॉर्म और मध्यस्थों को यह परामर्श जारी किया गया था।
इस संबंध में गूगल, मेटा, स्नैप को भेजे गए ईमेल को कोई जवाब नहीं मिला। देश की पहली AI यूनिकॉर्न ओला कृत्रिम ने कहा है कि वह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करेगी। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए सवालों के जवाब में कृत्रिम के प्रवक्ता ने कहा कि निर्धारित दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हम आवश्यकतानुसार संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क करेंगे।
सीआईआई के अनुसार यह स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि AI के नैतिक उपयोग के संबंध में विनियमन महत्वपूर्ण है। प्रवक्ता ने कहा कि अलबत्ता AI की वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए विनियमन और नवाचार की अनुमति के बीच उचित संतुलन की जरूरत है।