केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से सितंबर-मार्च की अवधि के दौरान के इंबेडेड वैल्यू (ईवी – अंतर्निहित मूल्य) का खुलासा करने को कहा है। बीमा कंंपनी ने अपनी ईवी की घोषणा एक साल बाद ही करने की योजना बनाई थी, जिसकी पिछली ईवी 5.34 लाख करोड़ रुपये थी।
एक अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के प्रबंधन ने अपने रिपोर्टिंग एक्चुअरी को मार्च 2022 तक ईवी डेरिवेशन की प्रक्रिया शुरू करने को नहीं कहा था, क्योंकि गिरावट की वजह से लगभग 40,000 से 50,000 करोड़ रुपये तक बाजार भाव में गिरावट की उम्मीद थी। ईवी एक अहम गणना है, जिससे बीमा कंपनी के प्रदर्शन का पता चलता है। यह समायोजित नेटवर्थ और इन-फोर्स बिजनेस के मूल्य या भविष्य के अनुमानित मुनाफे का योग होता है।
शेयर बाजार में सुस्त सूचीबद्धता के बाद केंद्र सरकार ने बीमा कंपनी को सलाह दी है कि वह अपनी ईवी का खुलासा करे, जिससे बीमाकर्ता की पारदर्शिता के कारण बाजार में भरोसा लौटने की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा कि बीमा कंपनी ने पहले योजना बनाई थी कि ईवी को छोड़कर सालाना रिपोर्ट में सभी घोषणाएं की जाएं। सामान्यतया बीमा कंपनियां अपनी ईवी की घोषणा छह माह में एक बार करती हैं और साल में एक बार नए बिजनेस का मूल्य बताती हैं। उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा कि इसके पहले एलआईसी ने मार्च 2022 के मुताबिक नए कारोबार ईयर-टु-डेट वैल्यू (वीएनबी) साझा नहीं करने की योजना बनाई थी।
इस सिलसिले में एलआईसी और वित्त मंत्रालय से मांगी गई जानकारी का कोई उचित जवाब नहीं मिला।
एलआईसी ने अपनी लिस्टिंग के बाद ही अपने रिपोर्टिंग एक्चुअरी मिलिमन एडवाइजर्स एलएलपी को मार्च 2022 तक एलआईसी के ईवी के डेरिवेशंस पर काम करने के लिए कहा है। एलआईसी ने अपनी ईवी का खुलासा पहली बार अपने मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किया था, जिसे मार्च 2021 के 95,605 करोड़ रुपये से बढ़ाकर पार्टिसिपेटिंग और नॉन पार्टिसिपेटिंग फंड को अलग किए जाने के बाद सितंबर 2021 में 5.39 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।
मैक्वैरी रिसर्च ने अपनी हाल की रिपोर्ट में कहा था कि एलआईसी की ईवी का करीब 70 प्रतिशत मार्क टु मार्केट लाभ से है, जिसकी वजह से ईवी ज्यादा उतार चढ़ाव वाला और बाजार के उतार चढ़ाव को लेकर ज्यादा संवेदनशील है। उसने कहा था कि बीमाकर्ता की ईवी की संवेदनशीलता इक्विटी बाजार में बदलाव को लेकर ज्यादा संवेदनशील है औऱ यह निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों की तुलना में बहुत ज्यादा है।
अधिकारी ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध की घोषणा के बाद से बाजार में करीब 7 से 8 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह मार्च 2022 तक के एलआईसी की ईवी में नजर आएगा। एलआईसी के डीआरएचपी के संवेदनशीलता विश्लेषण के आधार पर इक्विटी में 10 प्रतिशत की गिरावट से एलआईसी की ईवी में 7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। मैक्वेरी ने भी अपनी रिपोर्ट में इसी तरह की चिंता जताई है। इसमें यह भी कहा गया है कि ईवी में उतार-चढ़ाव चिंता का विषय है क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा मार्क टु मार्केट इक्विटी लाभों से जुड़ा है।
