झटका देने को तैयार हो रहा है भारतीय इलेक्ट्रिक स्कूटर का बाजार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 2:05 AM IST

भारत में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों, पर्यावरण अनुकूल और वहाने बनाने वाली दो प्रमुख कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण हो सकता है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री को दोगुना हो जाए।


हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल के अनुसार 31 मार्च को समाप्त होने वाले इस वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री 2,40,000 होने की उम्मीद है जो पिछले वर्ष 1,10,000 थी।

प्रमुख शहरों में पेट्रोल कीमतें की कीमतें 2006 में 42-44 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 50-53 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं। जबकि एक 250 वाट क्षमता वाले कम गति के इलेक्ट्रिक स्कूटर को चलाने की लागत 10 पैसे प्रति किलोमीटर आती है। इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाजार में दो धूरंधर कंपनियों हीरो समूह की हीरो इलेक्ट्रिक और ब्रिटेन की अल्ट्रा मोटर के तेज रफ्तार मार्केटिंग अभियानों और नए मॉडल पेश करने के साथ ही बिक्री का यह खेल और भी बढ़ सकता है।

हाल ही में हीरो और अल्ट्रा ने अपने कारोबार को अलग-अलग चलाने के लिए संयुक्त मार्केटिंग और तकनीकी गठजोड़ को खत्म कर डाला। हीरो इलेक्ट्रिक ने वर्ष 2008-09 में कम और अधिक गति की श्रेणी में पांच नए इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने की योजना बनाई है। अल्ट्रा मोटर कंपनी ने अधिक गति के स्कूटरों में एक और मॉडल की पेशकश की है और साथ ही में कंपनी इस साल दिवाली तक कम गति के स्कूटरों में भी प्रवेश करने की योजना बनाई है।

इन दोनों कंपनियों के अलावा तीसरी कंपनी, टीवीएस मोटर्स भी इस साल बाद में कम गति वाला स्कूटर पेश करने की तैयारी कर रही है। कम गति वाले स्कूटर ज्यादा से ज्यादा 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकते हैं, जबकि अधिक गति वाले स्कूटर 40-45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकता है।

हीरो इलेक्ट्रिक के मार्च 2007 से कम गति की श्रेणी में दो मॉडल हीरो मैक्सी और हीरो ऑप्ट्रा बाजार में हैं। कंपनी इस जुलाई में एक साथ दो अधिक गति वाले स्कूटरों को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इसी के साथ हीरो की योजना मौजूदा वित्त वर्ष में अपनी बिक्री को पिछले वर्ष के मुकाबले तीन गुना बढ़ाकर 70,000 यूनिट करने की है। इसी के साथ कंपनी लुधियाना में अपने संयंत्र की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 80 करोड़ रुपये निवेश करेगी।

मुंजाल का कहना है, ‘हमें अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए काफी जबर्दस्त प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। बढ़ती मांग से ताल-मेल बिठाने के लिए हमनें अपनी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाते हुए प्रतिदिन दो शिफ्टों में 440 यूनिट कर दिया है।’ अल्ट्रा मोटर कंपनी ने हैदराबाद में 60 हजार वाहन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता वाली अपनी उत्पादन इकाई स्थापित की है।

सिर्फ अधिक गति के स्कूटरों के बाजार में मौजूद कंपनी ने हाल ही में अपना पहला कम गति वाला स्कूटर लॉन्च किया है, जिसका नाम मैराथन है। कंपनी का यह नया स्कूटर एक बार चार्ज किए जाने पर 100 किलोमीटर तक चल सकता है और इसकी रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। मैराथन के अलावा अल्ट्रा मोटर की योजना एक और अधिक गति वाला स्कूटर वेलॉसिटी प्लस चंद दिनों में लॉन्च करने की है।

इस वर्ष दिवाली के अवसर पर कंपनी और दो स्कूटर लॉन्च करेगी, जिसमें से स्कूटर अधिक गति वाला स्कूटर होगा। इस वर्ष में कंपनी के प्रोफाइल में तीन अधिक गति वाले और दो कम गति वाले स्कूटर शामिल हो जाएंगे। अल्ट्रा मोटर इंडिया के निदेशक (मार्केटिंग) देबा घोषाल का कहना है, ‘आम तौर पर अधिक गति वाले वाहनों को दक्षिण भारत में पसंद किया जाता है और कम गति वाले वाहनों की मांग उत्तर में अधिक है।

इसलिए हमने यह फैसला किया है कि हम दोनों क्षेत्रों के उपभोक्तओं को अपनी सेवाएं देंगे और इस साल कम गति वाले स्कूटरों को लॉन्च करेंगे। मैराथन इस श्रेणी में अपनी तरह का पहला स्कूटर है। यह एक बार चार्ज होने पर 100 किलोमीटर तक चल सकता है।’

अल्ट्रा मोटर भारत में अगले तीन वर्षों में नए उत्पादों और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए 140 करोड़ रुपये निवेश करेगी। पहले ही कंपनी देश में 36 करोड़ रुपये के लगभग निवेश कर चुकी है। अल्ट्रा मोटर का इरादा वित्त वर्ष 09 में 60 हजार यूनिट बेचने का है और साथ ही में कपंनी भारत में अपनी डीलरशिप की संख्या 140 से दोगुना कर 300 करने की योजना बना रही है। हीरो इलेक्ट्रिक की योजना 2008 के अंत तक अपने डीलर नेटवर्क को मौजूदा 150 से 300 करने की है।

टीवीएस मोटर कंपनी, जो इस साल फरवरी में अपने अधिक गति के स्कूटर टीवीएस स्कूटी टीन्ज के साथ ई-स्कूटर के बाजार में उतर चुकी है, को अधिक मात्रा में बिक्री होने की उम्मीद नहीं है। टीवीएस के महाप्रबंधक एस श्रीनिवास का कहना है कि भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर के खंड को सरकार की तरफ से अधिक मदद मिलनी चाहिए, क्योंकि यह एक प्रदूषणरहित वाहन है। फिलहाल टीवीएस हर महीने 800 से 1000 स्कूटर बेच पा रही है। उनका कहना है कि अगले 6 महीनों में कंपनी एक कम गति वाला वाहन भी लॉन्च करने वाली है।

फिलहाल दिल्ली और छत्तीसगढ़ सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों पर 25 से 30 सब्सिडी दे रही है। इलेक्ट्रिक स्कूटर उद्योग कंपोनेंट और खासतौर पर बैटरियों पर आयात शुल्क में छूट की उम्मीद लगा रहा है। फिलहाल इन पर 31 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जा रहा है।

ई-स्कूटर की रफ्तार

ई-स्कूटर के बाजार में दो कंपनियां हीरो इलेक्ट्रिक और अल्ट्रा मोटर शामिल, तीसरी कंपनी टीवीएस ने किया आगाज
ई-स्कूटर में एक किलोमीटर के लिए 10 पैसे की लागत

First Published : May 29, 2008 | 12:44 AM IST