घरेलू पीई/वीसी फंडों ने पहली छमाही के दौरान कुल सौदा मूल्य का 22.8 फीसदी निवेश किया। जनवरी से जून 2022 की अवधि में वेंचर कैपिटल फंडों, निजी इक्विटी फर्मों और भारत में मौजूद पारिवारिक कार्यालयों ने 6.3 अरब डॉलर का निवेश किया। वेंचर इंटेलिजेंस-इंडियन वेंचर ऐंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले चार वर्षों में उनका सर्वाधिक आंकड़ा है। इस आंकड़े में केवल वही फंड हाउस शामिल हैं जिनका मुख्यालय भारत में है और इसमें किसी भी भारत केंद्रित विदेशी फंड हाउस को शामिल नहीं किया गया है।
वैश्विक महामारी के दौरान घरेलू फंड हाउसों में नरमी दिखी थी। साल 2021 की पहली छमाही में उन्होंने 3.3 अरब डॉलर का निवेश किया जो इस साल के मुकाबले लगभग आधा है और उसकी हिस्सेदारी महज 13.8 फीसदी रही थी।
हालांकि कोविड प्रेरित पहले लॉकडाउन वाली अवधि यानी साल 2020 की पहली छमाही के मुकाबले घरेलू फंड हाउस के निवेश में सुधार हुआ था। उस दौरान उन्होंने महज 2.3 अरब डॉलर का निवेश किया था जो कुल सौदों का महज 11.27 फीसदी था। उससे एक साल पहले यानी 2019 में घरेलू फंडों ने पहले छह महीनों के दौरान 2.8 अरब डॉलर का निवेश किया था और कुल निवेश में उसकी हिस्सेदारी 16.3 फीसदी थी।
इससे पता चलता है कि इससे घरेलू फंडों के परिपक्व होने का भी पता चलता है और रकम जुटाने में उनके आत्मविश्वास की भी झलक मिलती है। वेंचर इंटेलिजेंस का कहना है कि 2022 की पहली छमाही में भारत केंद्रित फंडों ने कुल 6 अरब डॉलर का निवेश किया और उसमें भारत में मुख्यालय वाले फंडों की हिस्सेदारी करी 74 फीसदी रही। इसके विपरीत विदेशी फंडों ने सुरक्षित दांव चलने की रणनीति अपनाई।
आईवीसीए के वाइस चेयरमैन और ब्लूम वेंचर्स के सह-संस्थापक कार्तिक रेड्डी ने कहा, ‘मंदी के बढ़ने की आशंका के बीच वैश्विक पीई फंडों ने खुद के बाजारों में वापसी को प्राथमिकता दी है। ऐसे में घरेलू पूंजी के जरिये उनकी भरपाई की जा रही है।’
फंड मैनेजरों का कहना है कि टाइगर ग्लोबल और सॉफ्टबैंक जैसे बड़े फंड हाउसों ने भारत में अपनी गतिविधियां कम कर दी हैं। दूसरी ओर, मजबूत नियामकीय ढांचे ने अनुभवी फंड मैनेजरों को भारत में वापसी करने के लिए प्रेरित किया है। उन्हें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के आकर्षक मार्ग से मदद मिली है।
3वन4 कैपिटल के संस्थापक पार्टनर सिद्धार्थ पई ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि करों को भी युक्तिसंगत किया जा रहा है। शेयर बाजार में बिक्री और पीई निवेशकों द्वारा बिक्री पर पूंजीगत लाभ कर में जो अभी भी 2.4 गुना अधिक है। ‘
चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही के दौरान घरेलू फंडों ने प्रति सौदा करीब 80.9 लाख डॉलर का निवेश किया। जबकि विदेशी फंडों के मामले में यह आंकड़ा 1.74 करोड़ डॉलर रहा। अब यह अंतर तेजी से घट रहा है।