प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज की स्थायी मान्यता वापस लेने के बाजार नियामक सेबी के आदेश को रद्द कर दिया। पंचाट ने कहा कि एक्सचेंज को सुधार का एक मौका दिया जाना चाहिए।
सैट ने उस निष्कर्ष के लिए सेबी की खिंचाई की है कि आला अधिकारियों मसलन प्रबंध निदेशक, सीईओ और पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर्स (पीआईडी) ने पद छोड़ दिया, लिहाजा एक्सचेंज बंद हो जाएगा।
सैट ने अपने आदेश में कहा, एमडी, सीईओ और पीआईडी के पद छोड़ने का मतलब यह नहीं है कि एक्सचेंज खुद को बहाल नहीं कर सकता। जहाज में हो सकता है पानी रिस रहा हो लेकिन इस छेद को बंद किया जा सकता है और जहाज को आगे बढ़ाया जा सकता है।
सैट ने कहा, चूहे ने जहाज को नुकसान पहुंचाया और उसमें पानी रिसने लगा। एमडी, सीईओ और पीआईडी ने अपने-अपने हित को देखते हुए कंपनी छोड़ दी, लेकिन यह कंपनी व उसके शेयरधारकों को अपनी कंपनी बहाल करने की कोशिश से नहीं रोक सकता।
आईसीएक्स के शेयरधारकों में सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन, एमएमटीसी, इंडियन पोटाश और बजाज होल्डिंग ऐंड इन्वेस्टमेंट शामिल हैं।
सैट ने कहा कि आईसीएक्स का लाइसेंस रद्द करने का सेबी का तरीका सख्त व मनमाना था। पंचाट ने कहा, अपीलकर्ता के अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाङिए था और एक पंक्ति के आब्जर्वेशन से उसे दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए कि अपीलकर्ता सिर्फ रियायत चाहता है और अन्य अनिवार्यताओं का अनुपालन नहीं कर रहा है।
मई 2022 में सेबी ने आईसीएक्स की मान्यता वापस लेने से संबंधित आदेश पारित किया, जब एक्सचेंज का न्यूनतम नेटवर्थ 100 करोड़ के मानदंड से कम हो गया।