अल्पावधि की चिंता से एचयूएल पर रहेगा दबाव

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:31 PM IST

देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध उपभोक्ता कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के शेयर पर कई तरह की अल्पावधि की चिंता है। एक ओर जहां महंगाई का दबाव लाभ पर असर डालेगा, वहीं खास तौर से ग्रामीण बाजार में मांग पर दबाव फर्म के राजस्व को झटका दे सकता है।
इसी वजह से ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आय अनुमान में 7 से 10 फीसदी की कटौती की है। मांग व मार्जिन की चिंता से यह शेयर फरवरी के अपने उच्चस्तर से 15 फीसदी टूट चुका है।
लगातार हो रही कीमत बढ़ोतरी को देखते हुए उद्योग की मांग की स्थिति क्रमिक आधार पर खराब हुई है। नीलसन के मुताबिक, जिस श्रेणी में एचयूएल की मौजूदगी है वहां इस साल जनवरी-फरवरी मेंं वैल्यू के लिहाज से बिक्री स्थिर रही है और वॉल्यूम में एक अंक में गिरावट आई है। बाजार की अग्रणी कंपनी का वॉल्यूम सालाना आधार पर 2.5 फीसदी घट सकता है, जो सात तिमाही में पहला ऐसा मामला होगा।
दिसंबर तिमाही में एचयूएल के वैल्यू की रफ्तार 11 फीसदी थी, इस तरह से उसने बाजार की रफ्तार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया, जो एक अंक में रहा था। इसी तरह एचयूएल के वॉल्यूम की रफ्तार सालाना आधार पर 2 फीसदी रही, वहीं बाजार के वॉल्यूम की रफ्तार कमजोर रही।
ग्रामीण व शहरी इलाकों में नरमी और यूक्रेन-रूस संकट के कारण जिंस की चाल से मार्जिन पर पड़ा असर कंपनी को प्रभावित कर गया है। इसी वजह से प्रभुदास लीलाधर रिसर्च के ए. अग्रवाल की अगुआई में विश्लेषकों ने एचयूएल के आय अनुमान में 8.2 फीसदी की कटौती की है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि खाद्य व र्इंधन की ज्यादा कीमतों के कारण कुल महंगाई मध्यम अवधि में मांग पर असर डाल सकता है।
ब्रोकरेज हालांकि अल्पावधि की चुनौतियां समझ रहा है लेकिन उसका कहना है कि बाजार की अग्रणी कंपनी के परिदृश्य को लेकर उसका नजरिया सकारात्मक है। नोमूरा रिसर्च के मिहिर पी शाह और अभिषेक माथुर ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि एचयूएल की मुख्य श्रेणियां अपेक्षाकृत मजबूत रहेंगी और उत्पादोंं का कीमत-वैल्यू अनुपात संगठित कंपनियों की तरफ झुका रहेगा, जिससे महंगाई के माहौल मेंं बाजार हिस्सेदारी का फायदा होगा।
उन्होंंने यह रेखांकित भी किया है कि कंपनी को कुछ श्रेणियोंं की मांग में सुधार का फायदा मिलेगा और बढ़ती आवाजाही व शिक्षण संस्थान व अन्य कार्यालयों के खुलने से इसे वॉल्यूम में बढ़त का सहारा मिलेगा। शेयर कीमत पर एक अन्य खबर का असर सकता है कि कंपनी की मसाला कंपनी डीचीएच के साथ संभावित बातचीत, जो बहुलांश हिस्सेदारी के लिए है। एमडीएच के अधिग्रहण से एचयूएल 24,000 करोड़ रुपये वाले मसाला बाजार में प्रवेश करेगा। एमडीएच की उत्तर भारत में खासी मौजूदगी है। एवेंडस रिसर्च का कहना है कि 2025 कर बाजार 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा और इस तरह से संगठित मसाला बाजार की बढ़त की सालाना चक्रवृद्धि रफ्तार 16 फीसदी रहेगी।
मौजूदा भाव पर यह शेयर वित्त वर्ष 23 की आय अनुमान के 49 गुने पर कारोबार कर रहा है। मांग परिदृश्य और एमडीएच सौदे के मोर्चे पर अनिश्चितता को देखते हुए निवेशकों को इस शेयर पर विचार से पहले स्पष्टता का इंतजार करना चाहिए।

First Published : March 27, 2022 | 11:28 PM IST