विश्लेषकों ने एचडीएफसी बैंक को लेकर मोटे तौर पर अपना सकारात्मक नजरिया बरकरार रखा है। निजी क्षेत्र के इस ऋणदाता ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही के दौरान उम्मीद के अनुरू प परिणाम घोषित किए हैं। उनका मानना है कि कठोर व्यापक आर्थिक हालात के बावजूद प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ये परिणाम ‘दमदार’ रहे। बाजार में एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमत बीएसई पर 1.2 प्रतिशत बढ़कर दिन के कारोबार के दौरान 1,685 रुपये के शीर्ष स्तर तक पहुंच गई और बाद में 1,664.8 रुपये के भाव पर यह बंद हुआ। इसकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 0.15 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ।
बुधवार को एचडीएफसी बैंक ने तीसरी तिमाही के दौरान पिछले साल की तुलना में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते अनुमान के अनुरूप 16,735.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। परिचालन के लिहाज से देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) पिछले साल की तुलना में 7.7 प्रतिशत बढ़कर 30,650 करोड़ रुपये हो गई जबकि शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) पिछली तिमाही के मुकाबले 3 आधार अंक घटकर 3.43 प्रतिशत पर रह गया। ये दोनों ही अनुमानों के अनुरूप रहे।
अलबत्ता ऋण-जमा अनुपात (एलडीआर) में उल्लेखनीय गिरावट ने बाजार को चौंका दिया। 99.2 प्रतिशत के अंतरिम अनुमान के मुकाबले दिसंबर, 2024 के आखिर में ऋण-जमा अनुपात 98 प्रतिशत पर रहा। विलय के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कंपनी का यह अनुपात 100 प्रतिशत के आंकड़े से नीचे चला गया है।
प्रबंधन के अनुसार एचडीएफसी बैंक ने जमा में सालाना आधार पर 15.8 प्रतिशत की वृद्धि की और यह बढ़कर 25.6 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि अग्रिम पिछले साल की तुलना में तीन प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25.4 लाख करोड़ रुपये रहे जिससे बैंक को अपना ऋण-जमा अनुपात सामान्य करने में मदद मिली।