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Havells India Q3: पढ़ें, कैसा रहा स्विचगियर सेगमेंट, वायर ऐंड केबल सेगमेंट में प्रदर्शन, क्या कहते है ब्रोकरेज फर्म्स

कंपनी राजस्व को त्योहारी मांग से फायदा मिला, कमजोर मार्जिन की वजह से परिचालन प्रदर्शन पर असर पड़ा। ब्रोकर्स ने अपने मार्जिन अनुमान 9% तक घटा दिए हैं।

Published by
राम प्रसाद साहू   
निमिष कुमार   
Last Updated- January 19, 2025 | 10:28 PM IST

वित्त वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही में देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल कंपनी हैवेल्स इंडिया (Havells India) का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। जहां कंपनी के राजस्व को त्योहारी मांग से फायदा मिला, वहीं कमजोर मार्जिन की वजह से परिचालन प्रदर्शन पर असर पड़ा।

हालांकि तीसरी तिमाही के आखिर में उपभोक्ता धारणा सुधरी और कंपनी बाजार भागदारी बढ़ाने में कामयाब रही। लेकिन खपत मांग में मजबूत सुधार और मार्जिन रिकवरी में तेज बहाली इस शेयर के लिए जरूरी होगी। शुक्रवार को 1 फीसदी तेजी के बावजूद हैवेल्स इंडिया अपने दिसंबर के ऊंचे स्तर से 11 फीसदी नीचे बना हुआ है। जिन सेगमेंटों ने दिसंबर तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया, उनमें इलेक्ट्रिकल कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (ईसीडी), लॉयड और स्विचगियर शामिल थे। ईसीडी और लॉयड व्यवसाय (एयर कंडीशनर) दोनों में 15 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई । छोटे उपकरणों की मांग को त्योहारी और बदलते सीजन की वजह से मजबूती मिली। गर्मी के मजबूत सीजन के लिए स्टॉक करने से एयर कंडीशन की बिक्री में सुधार देखने को मिला।

स्विचगियर सेगमेंट, वायर ऐंड केबल सेगमेंट में कैसा रहा प्रदर्शन

स्विचगियर सेगमेंट में बिक्री भी मजबूत बनी रही और रियल एस्टेट और अन्य परियोजनाओं की मांग की मदद से इसमें सालाना आधार पर 11 फीसदी का सुधार देखा गया। दूसरी तरफ, वायर ऐंड केबल सेगमेंट में 7 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। जहां केबल कारोबार में बिक्री 11 फीसदी बढ़ी, वहीं वायर के लिए इसमें सालाना आधार पर गिरावट आई क्योंकि तांबे की कीमतों में उतार-चढ़ाव से स्टॉक कम करने को को बढ़ावा मिला। बिक्री वृद्धि के कारण लाइटिंग फिक्स्चर सेगमेंट में सालाना आधार पर 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि 14 फीसदी की बिक्री वृद्धि का असर कीमतों में लगातार गिरावट से बेअसर हो गा।

जहां संपूर्ण बिक्री वृद्धि बाजार के अनुमान के अनुरूप है, वहीं हैवेल्स मुनाफे के मामले में कमजोर पड़ी। परिचालन मुनाफा स्विचगियर में कमजोर मार्जिन और लॉयड में अनुमान से ज्यादा नुकसान की वजह से सालाना आधार पर 1 फीसदी तक घट गया। मार्जिन 110 आधार अंक तक घटकर 8.7 फीसदी रह गया।
स्विचगियर सेगमेंट में उत्पाद मिश्रण में बदलाव की वजह से मार्जिन कमजोर रहा। वायर डीस्टॉकिंग और ईसीडी उत्पाद मिश्रण में बदलाव की वजह से मार्जिन पर दबाव पड़ा। कंपनी को अगली कुछ तिमाहियों के दौरान ईसीडी, स्विचगियर और लॉयड सेगमेंटों में मार्जिन सुधरने का अनुमान है और वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के दौरान वायर सेगमेंट में पुन: भंडारण की स्थिति देखी जा सकती है।

क्या कहना है ब्रोकरेज फर्म्स का Havells India Q3 पर

कमजोर मार्जिन प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए ब्रोकरों ने अपने मार्जिन अनुमान 9 फीसदी तक घटा दिए हैं।

इलारा सिक्योरिटीज (Elara Securities) ने कड़ी प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए अपने आय अनुमान वित्त वर्ष 2025 के लिए 4 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 के लिए 5 फीसदी तक घटा दिए हैं। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से इलेक्ट्रिकल सेक्टर में मार्जिन वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ जाएगी।

इलारा सिक्योरिटीज के विश्लेषक हर्षित कपाड़िया हैवेल्स को लेकर आशावादी हैं और वे इलेक्ट्रिकल उद्योग में बेहद विविधीकृत पोर्टफोलियो, दमदार बाजार भागीदारी, क्षमता वृद्धि पर निवेश के साथ इसे मजबूत कंपनी मान रहे हैं। ब्रोकरेज ने इस शेयर के लिए ‘एकत्रित करें’ रेटिंग बनाए रखी है, लेकिन इसका कीमत लक्ष्य 1930 रुपये से घटाकर 1,750 रुपये कर दिया है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च (Motilal Oswal Research) ने भी अपना मार्जिन अनुमान घटा दिया है और आय अनुमान वित्त वर्ष 2025-27 के लिए 5-8 फीसदी तक कम किया दिया है। ब्रोकरेज ने ऊंचे मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए 1,740 रुपये के संशोधित कीमत लक्ष्य के साथ ‘तटस्थ’ रेटिंग बरकरार रखी है।

ब्रोकरेज के विश्लेषक संजीव कुमार सिंह का मानना है कि हैवेल्स का मूल्यांकन वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के ईपीएस के 59 गुना और 48 गुना पर महंगा बना हुआ है।

नुवामा रिसर्च (Nuvama Research) ने मार्जिन सुधार में विलंब को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-27 के लिए अपना आय अनुमान घटा दिया है। लेकिन वह इस शेयर पर उत्साहित है और 1,940 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग को बरकरार रखा है।

 

 

First Published : January 19, 2025 | 10:28 PM IST