केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों की समिति ने परिसंपत्ति के धीमे मुद्रीकरण को लेकर सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता बीएसएनएल और दूरसंचार विभाग (डीओटी) की खिंचाई की है। इससे विभाग अपने लक्ष्यों को हासिल करने में महत्त्वपूर्ण रूप से चूक गया है। इस मामले के जानकार अधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इससे दूरसंचार विभाग क्षेत्र की कुल मुद्रीकरण योजना ही ठप पड़ गई है।
अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दूरसंचार क्षेत्र में मुद्रीकरण लक्ष्य को संशोधित करना पड़ा, क्योंकि बीएसएनएल ने अपने मोबाइल फोन टावर मुद्रीकरण के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है, जिसके तहत अब टावर बिक्री से इसे पट्टा आधारित मॉडल किया गया है।
इस बदलाव को अंतर मंत्रालय सचिवों की बैठक में भी इंगित किया गया था। यह बैठक संपत्ति मुद्रीकरण के प्रमुख समूह (सीजीएएम) का भी हिस्सा थी। अंतर मंत्रालय सचिवों की बैठक की अध्यक्षता अगस्त में कैबिनेट सचिव ने की थी।
सीजीएएम राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए लेनदेन की प्रगति की निगरानी और संरचनात्मक मुद्दों को हल करने के लिए समय-समय पर समीक्षा करता है। अभी तक सरकारी विभागों के मुद्रीकरण के मामले दूरसंचार विभाग का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। एनएमपी के तहत दूरसंचार विभाग को शुरुआती चार वर्ष में 35,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था।
इसके तीन वर्षों में दूरसंचार विभाग ने केवल 1,452 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मुद्रीकरण किया है जबकि इसका लक्ष्य 24,380 करोड़ रुपये था। यानी दूरसंचार विभाग ने अपने मुद्रीकरण के लक्ष्य का छह फीसदी ही हासिल किया है। दूरसंचार विभाग को वित्त वर्ष 25 के लिए संशोधित लक्ष्य 2,200 करोड़ रुपये का दिया गया।
यदि विभाग इस लक्ष्य को हासिल कर भी लेता है तो वह शुरुआती मुद्रीकरण लक्ष्य के करीब 90 फीसदी चूक जाएगा।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सार्वजनिक निजी साझेदारी मूल्यांकन समिति (पीपीपीएस) से अप्रैल 2023 के तहत मिली मंजूरी के बाद बीएसएनएल को अपनी संपत्तियों का मुद्रीकरण जारी रखना महत्त्वपूर्ण है।
नीति आयोग, दूरसंचार विभाग और वित्त मंत्रालय को मोबाइल टावर के मुद्रीकरण का रास्ता खोजने का दायित्व सौंपा गया है।’ सीजीएएम ने इन मंत्रालयों से अभी तक मुद्रीकरण के लक्ष्य से पीछे रहने के कारण कुछ और वैकल्पिक संपत्तियों को चिह्नित करने के लिए कहा है। इस संबंध में बीएसएनएल और नीति आयोग को सवाल भेजे गए थे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
दूरसंचार विभाग ने बीते साल संचार और सूचना तकनीक की स्थायी समिति को सूचना दी थी कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने बीएसएनएल की 18,200 करोड़ रुपये और एमटीएनएल की 5,158 करोड़ रुपये की छह संपत्तियों की मुद्रीकरण को मंजूरी दी है।
इस मुद्दे से निपटने के लिए देशभर में बिक्री के सभी भूखंडों और इमारतों को सूचीबद्ध करने के लिए वन स्टॉप वेबसाइट का निर्माण हुआ है। हालांकि बीएसएनएल ने अभी इस वेबसाइट से बिकने वाले भूमि खंडों और इमारतों के बारे में आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है। अधिकारियों के अनुसार यह आंकड़ा बहुत ज्यादा नहीं है।