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Google दे रहा ₹2.8 करोड़ की नौकरी! बस आपके पास होनी चाहिए ये स्किल

Google में टैलेंट की होड़ में करोड़ों की सैलरी का खुलासा- इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट और मैनेजर्स को मिल रही बेस सैलरी में बंपर बढ़ोतरी, बोनस और शेयर अलग से

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सर्जना राय   
Last Updated- July 11, 2025 | 2:11 PM IST

AI टेक्नोलॉजी की तेज़ी से बढ़ती दुनिया में Google अपने टॉप टैलेंट को बनाए रखने के लिए भारी भरकम वेतन दे रहा है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को यहां सालाना $340,000 (करीब ₹2.8 करोड़) तक की बेस सैलरी दी जा रही है। यह आंकड़े गूगल द्वारा अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट को दिए गए वीज़ा संबंधित डाटा से सामने आए हैं, जिसे Business Insider ने रिपोर्ट किया है। ये सैलरी सिर्फ बेस पे को दिखाती है, इसमें बोनस और स्टॉक ऑप्शन शामिल नहीं हैं, जिससे कुल इनकम और भी ज़्यादा हो सकती है।

इंजीनियरिंग और टेक्निकल टीम्स को मिल रही सबसे ज़्यादा सैलरी

गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सबसे ज़्यादा सैलरी पाने वाले कर्मचारी हैं। इसके अलावा अन्य तकनीकी पदों पर भी अच्छी कमाई हो रही है:

रिसर्च इंजीनियर: $265,000 तक

हार्डवेयर इंजीनियर: $284,000 तक

प्रोडक्ट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के रोल भी तगड़े

गूगल के ऐप और सर्विस को चलाने वाले प्रोडक्ट मैनेजर को सालाना $280,000 तक सैलरी मिल रही है।

अन्य मैनेजमेंट रोल:

टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर: $270,000 तक

जनरल प्रोग्राम मैनेजर: $236,000 तक

डेटा, रिसर्च और डिज़ाइन वाले रोल भी हाई पे में

गूगल में डेटा साइंटिस्ट और रिसर्चर भी हाई पे ग्रुप में आते हैं। कुछ की सैलरी $303,000 तक जाती है। वहीं, UX डिजाइनर और UX रिसर्चर को $124,000 से लेकर $230,000 तक सैलरी मिल रही है, जो उनकी सीनियरिटी और स्किल पर निर्भर करती है।

फाइनेंस और कंसल्टिंग रोल्स भी पीछे नहीं

गूगल में तकनीकी ही नहीं, बिज़नेस से जुड़े कई रोल्स में भी शानदार सैलरी मिलती है:

फाइनेंशियल एनालिस्ट: $225,000 तक

बिज़नेस सिस्टम एनालिस्ट: $201,000 तक

सर्च क्वालिटी एनालिस्ट: $235,000 तक

सोल्यूशंस कंसल्टेंट: $282,000 तक

कर्मचारियों का परफॉर्मेंस अब GRAD से होगा तय

Google ने अपने कर्मचारियों के परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम में बदलाव किया है। अब कंपनी GRAD (Googler Reviews and Development) नाम का नया टूल इस्तेमाल कर रही है, जिसमें हर कर्मचारी की सालाना रेटिंग दी जाती है। रेटिंग स्केल “Not Enough Impact” से शुरू होकर “Transformative Impact” तक जाती है, और इसी आधार पर बोनस और इक्विटी (शेयर ऑप्शन) तय होते हैं।

First Published : July 11, 2025 | 2:11 PM IST