गो फर्स्ट संकट ने एयरलाइन को विमान पट्टे पर देने वाले पट्टेदारों की चिंता बढ़ा दी है। ये पट्टेदार इस एयरलाइन को दिवालिया घोषित किए जाने से अपने किराये पर दिए गए विमानों को पाने की कोशिश कर रहे हैं। विमान पट्टे पर देने वाली अमेरिका की कम से कम दो कंपनियों ने गो फर्स्ट को पट्टे पर दिए गए तीन एयरबस ए320 के संबंध में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के समक्ष आवेदन किया है।
ये कंपनियां लीज सौदे समाप्त करने के लिए नोटिस भी भेज रही हैं, क्योंकि एयरलाइन को भुगतान करने में संघर्ष करना पड़ा है। मंगलवार को गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) में आईबीसी की धारा 10 के तहत आवेदन किया। इस आवेदन पर गुरुवार को सुनवाई होगी। मंजूरी मिलने पर इस संबंध में रियायत दी जाएगी।
विमानन मामलों की जानकारी रखने वाली कंपनी आरएनसी लीगल के मैनेजिंग पार्टनर रवि नाथ ने कहा, ‘पट्टेदारों की मुख्य चिंता बकाया हासिल करने से पहले अपने विमान प्राप्त करना है। वे इन विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या इस संबंध में किसी तरह की रोक लगाई जाएगी।’ एक विमानन कंसल्टेंट का मानना है, ‘स्वैच्छिक तौर पर दिवालियापन के लिए आवेदन करने वाली एयरलाइन को लीज समझौतों में चूक के तौर पर देखा जाता है और इसकी वजह से लीज को समाप्त कर दिया जाता है।’