कोविड-19 के लिए मेसेंजर आरएनए (एमआरएनए) टीका बनाने वाली जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स (जेनोवा) 250 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए ऋण से 135 करोड़ रुपये के वित्त पोषण की योजना बना रही है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह जानकारी दी।
पुणे स्थित एमक्योर फार्मास्युटिकल्स (एमक्योर) की सहायक कंपनी जेनोवा ने टीके के लिए सिएटल स्थित एचडीटी बायोटेक कॉर्पोरेशन के साथ गठजोड़ किया है। यह टीका पशु परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। अगले दो से तीन महीने के दौरान क्लीनिकल परीक्षण का पहला और दूसरा चरण पूरा किए जाने की उम्मीद की जा रही है।
क्रिसिल ने एक बयान में कहा है कि सुविधा विस्तार के लिए निर्धारित 250 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में सरकार से 70 करोड़ रुपये के अनुदान, 135 करोड़ रुपये के ऋण और शेष आंतरिक रूप से जुटाए जाने की उम्मीद है।
बायोफार्मास्युटिकल और टीका विकास खंड में इसकी मौजूदगी के मद्देनजर जेनेनोवा एमक्योर के लिए लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण है। इसके पास सात उत्पादों वाला पोर्टफोलियो है जिसमें ओन्कॉलोजी, कार्डियोवस्कुलर, न्युरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी खंड में इंजेक्शन पेजेक्स, एमग्रास्ट एम और हैमसील शामिल हैं।
एजेंसी ने जेनोवा की दीर्घकालिक बैंक सुविधाओं को ए/स्थिर रेटिंग दी हुई है। यह रेटिंग कंपनी को इसकी साझेदार एमक्योर की ओर से मिलने वाली मजबूत परिचालन, प्रबंधकीय, तकनीकी और वित्तीय सहायता को दर्शाती है।
वर्ष 2019-20 (वित्त वर्ष 20) को समाप्त हुए पांच वर्षों के राजस्व में 5.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के बावजूद इसका परिचालन स्तर सामान्य है। पूंजीगत व्यय की औसत योजनाओं, कार्यशील पूंजी प्रधान परिचालन और सामान्य शुद्ध हैसियत की वजह से इसका वित्तीय जोखिम प्रोफाइल औसत रहने की उम्मीद है। 31 मार्च तक शुद्ध हैसियत 152 करोड़ रुपये होने की उ मीद थी।वित्त वर्ष 20 में कंपनी ने 211 करोड़ रुपये (वर्ष 2018-19 या वित्त वर्ष 19 में यह 182 करोड़ रुपये था) का राजस्व दर्ज किया था। वित्त वर्ष 20 में इसका शुद्ध लाभ 38 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 19 में 18 करोड़ था) रहा। इसका परिचालन कार्यशील पूंजी प्रधान है और मध्य अवधि में ऐसा ही रहने की संभावना है।